गीता सार गीता सार By admin - April 13, 2022 0 235 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp आंख संसार की हर चीज देखती है। मगर आंख के अंदर कुछ चला जाए, तो उसे नहीं देख पाती है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य दूसरे की, बुराइयां तो देखता है। पर अपने भीतर बैठी बुराइयां, उसे दिखाई नहीं देती।