गीता का सार

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परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ो के स्वामी बन जाते हो, दुसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा तेरा छोटा-बडा, अपना पराया मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो।

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