क्रांतिधरा की पहचान भटकी-पियक्कड़ों ने 85 लाख लीटर शराब गटकी

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शराब की दुकान
शराब की दुकान

मेरठ वो धरा जिसका नाम सुनते ही क्रांतिवीरों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। वो धरती जिसे रावण की ससुराल के नाम से जाना जाता है। उस मेरठ के लोग अब किसी क्षेत्र में नाम कमाएं या ना कमाएं, लेकिन शराब पीने में जरूर नाम कमा रहे हैं। मेरठ जिले में शराब की खपत लगभग 10 लाख बोतल हर साल की दर से बढ़ रही है। अभी साल पूरा भी नहीं हुआ है और 35 लाख लीटर अंग्रेजी शराब, साढ़े सात लाख लीटर बीयर और करीब 50 लाख लीटर देशी शराब गटक चुके हैं। मय के शौकीनों में हो रही वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने लाइसेंस धारकों पर 15 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक बोझ बढ़ा दिया है, जबकि देशी शराबों के कम उठान के चलते 8 प्रतिशत का कोटा बढ़ा दिया है।

छुट्टे की समस्या को देखते हुए अब देसी व अंग्रजी शराब के दाम राउंड फीगर में होंगे। देसी शराब के दाम 69.77 रुपये पव्वे के बचाय पांच के गुणांक में जैसे 65.75 रुपये प्रति पव्वा होगा। अंग्रेजी व बीयर के दाम भी 10 रुपये गुणांक में होंगे यानि 80, 90, 100. 120, 150 आदि। ऐसे ही 180 मिली लिटर देशी का पव्वा अब 200 मिली लिटर का होगा। 28% अल्कोहल तीव्रता वाली देशी शराब अब नहीं मलेगा। अब 42.8, 36 और 25 प्रतिशत अल्कोहल तीव्रता वाली देसी शराब के फुटकर विक्रेताओं के लिए न्यूनत गारंटी कोटा ओर बढ़ा दिया गया है।

शराब की दुकान
शराब की दुकान

शराब बिक्री के आंकड़े

वर्ष 2017-18                 वर्ष 2018-19
29 लाख हजार               34 लाख, हजार बोतल (विदेशी शराब)
54 लाख, 55 हजार         49 लाख, 34 हजार लीटर (देसी शराब)
5 लाख 91 हजार            7 लाख 48 बोतल (बीयर)

दुकानों की संख्या

दुकान देसी शराब -171
दुकान अंग्रेजी शराब – 105
दुकान बीयर- 97
दुकान निलंबित देसी- 08
दुकान भांग- 14
बीयर बार- 08

80 प्रतिशत दुकानें लक्ष्य भूली

आबकारी अधिकारी आलोक सिंह ने बताया कि ऐसी दुकानें जो लक्ष्य पूर्ण नहीं कर पाई उनका नवीनीकरण नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने आबकारी मद से 29.7 फीसदी की राजस्व वृद्धि हासिल करने का लक्ष्य किया है। हालांकि इसके चलते शराब के मूल्यों में वृद्धि नहीं की जाएगी। मात्र लाइसेंस धारकों का लक्ष्य बढ़ाया जाएगा। 29.7 फीसदी बढ़े लक्ष्य को जनपद की 80 प्रतिशत दुकानें पूर्ण नहीं कर पा रही है। जिसके चलते इनका नवीनीकरण भी नहीं होगा। इन दुकानों की अलग वर्ष के लिए दोबारा ई-टेंडिरिंग की जायेंगी।

तस्करी से ढाई करोड़ का चूना

जनपद में बड़े स्तर से हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड की शराब की तस्करी की जाती है। बाहरी राज्यों से शराब तस्करी को आबकारी विभाग के प्रत्येक नीति फेल हो रही है। हालंकि पुलिस और आबकारी विभाग संयुक्त रूप से कार्यवाई करते हुए 46 लोगों को अभी तक जेल भेज दिया है। इसके बाद भी 2018-19 में करीब 2.5 करोड़ के राजस्व की हानि जनपद से होगी।

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