कोविड खत्म होने तक करें अनुकूल व्यवहार

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एक सेकंड को उसे लगता है कि घटनास्थल पर पुलिस के लिए उसकी पत्नी महज एक नंबर रह गई है। और वहां हीरो चिल्लाता है कि किसने उस पर नंबर लिखा। और लाल मार्कर से माथे पर लिखे नंबर को मिटाने की पुरजोर कोशिश करता है। यहां हीरो की अनकही बात है। वह हर्गिज एक नंबर 5 नहीं है, वह अनन्या है, मेरी प्यारी पत्नी। इस शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सारी भावनाएं, धार्मिक भी जीने के अधिकार के अधीन हैं। और यूपी सरकार को इस सोमवार तक एक अतिरित हलफनामा दाखिल करके महामारी के बीच कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।

यहां सुप्रीम कोर्ट का अनकहा कथन था, आप विचार करें या हम तय कर देंगे। ठीक उसी दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, हमें टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और टीका की रणनीति पर फोकस करते हुए आगे बढऩा है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर खास जोर देना है। महाराष्ट्र समेत छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के हालातों की समीक्षा करते हुए कहा, कि जिन जिलों में ज्यादा मामले मिल रहे हैं, वहां बराबर ध्यान देने की जरूरत है।

यहां अनकहा कथन था, कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मैं चिंतित हूं। उसी मीटिंग में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि न सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि कई राज्यों में लोग बड़ी संख्या में बाहर निकल रहे हैं। हम अपने राज्य में इसे काबू करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं, पर मुझे लगता है कि इसे रोकने के लिए हमें एक समान व विस्तृत राष्ट्रीय नीति की जरूरत है। यहां अनकही बात ये थी कि बाहर निकलने की कसर पूरी करने वाले आम लोगों के इस रवैये को काबू करने के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार का नियम बनाने की जरूरत है।

इस साल मई-जून के बीच दूसरी लहर के पीक के दौरान आईसीएमआर द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी सर्वे में सामने आया कि टीका अस्पताल में भर्ती होने और मौत की आशंका को कम कर देता है। यहां अनकहा कथन था कि टीके के बावजूद आपको मास्क पहनने व सामाजिक दूरी का पालन करने की जरूरत है। महज एक महीने पहले ही अमेरिका के कैलिफोर्निया और लॉस एंजिलिस ने लंबे समय से प्रतीक्षित चीज़ें खुलने का जश्न मनाया और व्यवसायों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे सभी प्रतिबंध हटाकर इसे कोविड के खिलाफ लड़ाई में हुई जबरदस्त जीत दिखाया।

अब संक्रमण फिर बढ़ रहा है और महामारी के इस नए हमले से निपटने के लिए लोग हाथ-पैर मार रहे हैं। यहां अनकहा कथन था, कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मैं चिंतित हूं। उसी मीटिंग में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि न सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि कई राज्यों में लोग बड़ी संख्या में बाहर निकल रहे हैं। हम अपने राज्य में इसे काबू करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं, पर मुझे लगता है कि इसे रोकने के लिए हमें एक समान व विस्तृत राष्ट्रीय नीति की जरूरत है। यहां अनकही बात ये थी कि बाहर निकलने की कसर पूरी करने वाले आम लोगों के इस रवैये को काबू करने के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार का नियम बनाने की जरूरत है।

अब वहां कल रात 11.59 बजे से सारे रहवासियों को, टीका लगा हो या नहीं, सार्वजनिक जगहों और बंद परिसरों जैसे सिनेमा आदि में मास्क पहनने की जरूरत है। यहां अनकहा कथन है कि टीका लगवा चुके लोगों से अनुरोध है वे बिना मास्क के बाहर घूमने की अपनी खुशी त्यागें, ये गैर टीकाकृत लोगों के बीच संक्रमण का प्रसार धीमा करने में योगदान देगा। इस वीकेंड की इन घटनाओं को पढ़कर आप समझ गए होंगे कि इन बिंदुओं को जोडऩे से या है।

एन. रघुरामन
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)

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