इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट आठ लाख करोड़ का चूना लगा

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मुंबई। कोरोनावायरस ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को भी गिरफ्त में ले रखा है और इसका असर भारतीय बाजार पर भी दिख रहा है। गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स ने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखी। यह 34472.5 पर खुला था। दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर यह अधिकतम 3165 पॉइंट लुढ़कर 32531.74 पर जा चुका था। क्लोजिंग के वक्त यह थोड़ा संभला। फिर भी 2919.26 अंक की गिरावट के साथ 32,778.14 पर बंद हुआ। कुल मिलाकर निवेशकों को 8 लाख करोड़ का झटका महामारी घोषित करने का ऐलान दे गया। इससे पहले सेंसेक्स में पिछली बड़ी गिरावट इसी महीने की 9 मार्च को आई थी, जब यह इंट्राडे में 2467 पॉइंट तक गिर गया था, बाद में थोड़ा संभलकर 1941 अंक नीचे गिरकर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निटी का भी गुरुवार को कुछ ऐसा ही हाल रहा। यह भी दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर लुढ़ककर 9,508.00 पर जा चुका था। क्लोजिंग के वक्त यह 825.30 पॉइंट की गिरावट के साथ 9633.10 पर बंद हुआ।

बाजार का हाल: बाजार के तेजी से नीचे आने से निवेशकों के शेयरों की वैल्यू करीब 8 लाख करोड़ कम हुई। सेंसेक्स का मार्केट कैप 128 लाख करोड़ पहुंचा, बुधवार को यह 137 लाख करोड़ रुपए था स्टॉक एक्सचेंज आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने 3,515.38 करोड़ रुपए के शेयरो बेंचे। बाजार में 2,087 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हो रहा। 1873 कंपनियों के शेयरों में गिरावट। 150 कंपनियों के शेयरों में बढ़त, 8 कंपनियों के शेयर 52 सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंचे। गुरुवार के कारोबार में 33 कंपनियों के शेयरों में अपी सर्किट लगा तो 329 कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट। निचले स्तर पर: गुरुवार को 2,573 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इन कंपनियों में 2242 कंपनियों के शेयरों में गिरावट और 225 कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखी गई। 1,180 कंपनियों के शेयर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गए। 565 कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लगा। टाटा पावर, लक्ष्मी विलास बैंक, टाटा डीवीआर के शेयरों में तेजी देखने को मिली। टूरिज्म सेक्टर पर निगेटिव रिपोट

 अमेरिकी बाजार: कोरोनावायरस के चलते ट्रम्प ने 26 यूरोपीय देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके चलते एक दिन में डाउ जोंस रिकॉर्ड 1464 अंक गिर गया।
 कोरोना वायरस: कोरोनावायरस से चीन के अलावा के अलावा दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में फैल गया है। डब्ल्यूएचओ के इसे महामारी घोषित करने के बाद निवेशक घबराए हैं।
 क्रूड ऑयल: सऊदी अरब और यूएई ने कहा कि 10 लाख बैरल प्रतिदिन तेल उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। का असर स्पाइसजेट पर देखने को मिला। कंपनी के शेयर 19 फीसदी नीचे गिरकर बंद हुए। एनएसई में एक भी कंपनी के शेयर पॉजिटिव नहीं रहे।

रिलायंस, टीसीएस और एचडीएफसी को झटका: बाजार में आई भारी गिरावट के कारण एनएसई में 783 कंपनियों के शेयर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। एक साल के निचले स्तर पर जाने वाली कंपनियों में रिलायंस, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, बजाज ऑटो, एचपीसीएल, आईटीसी, एलएंडटी और स्पाइसजेट का नाम शामिल है। गेल, हीरो मोटरकॉर्प, एसीसी, बीईएमएल, जिलेट और ग्लेनमार्क फार्मा का भी नाम इस सूची में है। रुपया ७० पैसे गिरा: भारतीय रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ७० पैसे की भारी गिरावट के साथ 74.50 रुपये पर आ गया। महामारी घोषित करने के बाद दुनिया भर के बाजारों में कमजोरी देखी गई और इसका भारी असर घरेलू मुद्रा बाजार पर भी हुआ। कारोबारियों ने बताया कि बाजार के प्रतिभागियों ने कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक मंदी गहराने की आशंका के चलते भारी बिकवाली की।

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