अयोध्या में भूमिपूजन निश्चित तौर पर हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। इस उल्लासमय वातावरण के अवसर पर आतंकी हमले की सभावना जताई जा रही है। इसको लेकर हमारे यहां के सुरक्षाबल पूरी तरह से सतर्कता बरत रहे है। भारतीय खुफिया एजेंन्सी ने सुरक्षा बलों को एलर्ट जारी किया है। इस बात की आशंका है कि पाकिस्तान खुफिया एजेन्सी आई.एस.आई. साजिश रच रही है। पाकिस्तान व आतंकी संगठनों के नापाक इरादों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। भारतीय सुरक्षा बलों को चहिये कि ऐसी किसी भी कोशिश का मुहंतोड़ जवाब दे। साथ में इस प्रकार की व्यवस्था करे कि कोई अप्रिय घटना घटित न हो पाये। पाकिस्तान आतंकवाद का पोषक रहा है। भारत में जितनी भी आतंकी घटनायें हुई लगभग सभी घटनाओं में पाकिस्तान का षड्यंत्र रहा। इस बात से ही पाकिस्तान की प्रवृति का पता चलता है कि जिस ओसामा बिन लादेन को पूरी दुनिया आतंकी मानती है उसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरानखान शहीद का दर्जा देते है।
आंतकी संगठनों को लेकर पाकिस्तान की वैश्विक आलोचना होती रही हैं। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ व अमेरिका ने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतवानी दे चुके हैं। परन्तु पाकिस्तान है कि अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। हिंसक घटनायें व हिंसा उसकी नीति में शामिल हैं, केवल वैश्विक दबाव पडऩे पर कार्रवाई करने का नाटक करता है। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई आतंकी संगठनों का नेतृत्व पाकिस्तानी नागरिकों के हाथ मे हैं। साथ में पाकिस्तान से ही इनका संचालन हो रहा है। तहरीक-ए- तालिबान का सरगना अमिर नूर वली महसूद को वैश्विक आंतकवादी घोषित किया जा चुका है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने जैश-ए-मोहमद के मसूद अजहर को भी वैश्विक आतंकियों को आतंकवादी मानना ही नही चाहता है। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के उधेड़बुन में लगा रहता है। इधर चीन से आर्थिक व कूटनीतिक समर्थन मिलने के कारण उसके हौसले बुलंद हैं।
पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने व उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने का भ्रम उत्पन्न करने में माहिर है। वह आतंकी घटनाओं के जरिये भारत को अस्थिर करना चाहता है। इसको लेकर अन्तर्राष्ट्रीय दबाव को भी नहीं मानना चहता है। पाकिस्तान ने ठान लिया कि वह आतंकी सगठनों का पोषण करता रहेगा। पाकिस्तान का मुय निशान भारत ही है। कई बार पाकिस्तान खुफिया एजेंसी भारत की सीमा में आतंकी घटनाओं का षड्यंत्र रच चुकी है। मुबई आतंकी घटना सहित एक लबी श्रृंखला है। पाकिस्तान आतंकियों के जरिये भारत से अप्रत्येक्ष युद्ध का ताना-बाना बुनता रहता है। पाकिस्तान के हरकतों का भारत को कई बार खामियाजा उठाना पड़ा है। अब जरूरत है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत सत कदम उठाये। उसकी हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे।
इसके साथ ही भारत को ऐसा तन्त्र विकसित करना चाहिये जिससे पाकिस्तान ही नहीं, कोई भी देश यहां हिंसक घटनाओं को लेकर षड्यंत्र न कर सके। सुरक्षा व्यवस्था का पुता इन्तजाम के साथ ही अपनी खुफियां एजेन्सियों की स्थिति मजबूत करनी होगी। आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए रक्षात्मक उपायों के साथ ही आक्रामक रूख अतियार करना ह़ोगा। षड्यंत्र बुनने वालों को उनकी ही भाषा में जावाब देना होगा तभी उनका मनोबल टूटेगा। कड़ी कर्रवाई करके आतंकियों का समूल विनाश ही हमारा ध्येय होना चाहिये। यदि आतंकियों को कड़ा प्रत्युत्तर नहीं दिया गया तो आये दिन आतंकी घटनाओं की सभवना बनी रहेगी। भारत को चाहिये कि आतंकी घटनाओं की सभावना को ही समाप्त कर दे।