घरेलू गैस सिलिंडर एक बार फिर महंगा हो गया। LPG के बाद CNG और PNG की कीमतें भी बढ़ गई हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतें तो पहले से ही आसमान छू रही हैं। लेकिन आप इसकी शिकायत नहीं कर सकते क्योंकि बीजेपी की मानें तो ये जो महंगाई बढ़ रही है, देशहित में बढ़ रही है। वहीं, मोदी समर्थकों का तो अलग ही लॉजिक चलता रहता है। भाई लोग कह रहे हैं कि शेर पालना तो महंगा पड़ता ही है। पहले तो आपको यह समझाने की कोशिश करते हैं कि ये जो ‘शेर’ है ये आखिर कितना महंगा पड़ रहा है।
सबसे पहले बात करते हैं पेट्रोल और डीजल की जिनकी दिल्ली में कीमत क्रमशः 91 रुपये और 81 रुपये से अधिक है। मुंबई की बात करेंगे तो रेट और ज्यादा बढ़ जाएगा। कुछ दिन पहले देश ने वो ऐतिहासिक लम्हा भी देखा जब पेट्रोल की कीमत 100 के पार पहुंच गई थी, इसके लिए मोदी सरकार बधाई की पात्र है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से खाने-पीने के सामानों पर भी महंगाई का असर दिख रहा है। दूध के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ने के बाद एक मार्च में दूध की कीमतों में 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की बात सामने आई है।
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अब बात करते हैं एलपीजी की। फरवरी से अबतक एलपीजी गैस की कीमत 4 बार बढ़ चुकी है। 1 मार्च को हुई 25 रुपये की बढ़ोत्तरी के बाद एलपीजी की कीमत फरवरी से अबतक 125 रुपये तक बढ़ चुकी है। लेकिन असली खेल इसके पीछे हो रहा है। आपको याद होगा कि पीएम मोदी के कहने पर सक्षम लोगों ने एलपीजी की सब्सिडी छोड़ दी थी ताकी गरीबों को सब्सिडी मिलती रहे। नवंबर 2018 में घरेलू गैस पर 433 रुपये सब्सिडी मिलती थी जो जून 2019 में 240 रुपये पर पहुंच गई। मार्च 2020 में यह सब्सिडी घटकर 231 रुपये रह गई। अब मार्च 2021 में सब्सिडी घटकर 35 रुपये रह गई है। ये आंकड़ें उन सरकारी मेसेज के हैं जो गैस खरीदने के बाद सब्सिडी के ट्रांसफर होने पर आते हैं। कहने का मतलब यह है कि आपकी नजर सिर्फ उन 25 पर पड़ रही है जो सामने दिख रहा है, लेकिन पीछे से अबतक करीब 400 रुपये की चपत सब्सिडी में लग गई उस पर ध्यान नहीं जा रहा है। इसके अलावा PNG की कीमत में भी बढ़ोत्तरी हुई है, मतलब साफ है कि घर में खाना बनाना भी महंगा होने वाला है।
सबकी बातें हो रही हैं तो थोड़ी CNG की भी हो जाए। पेट्रोल-डीजल की मार झेल रहे उपभोक्ताओं की जेब पर एक और बोझ बढ़ गया है। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने 2 मार्च से दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी और हरियाणा के कुछ शहरों में CNG के दामों में प्रति किलो 70 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है। ये बढ़ी कीमतें मंगलवार सुबह 6 बजे से लागू भी हो गईं हैं। आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में ज्यादातर ऑटो और सवारी गाड़ियां सीएनजी से ही चलती हैं। ऐसे में इतना तो तय है कि CNG के रेट बढ़ने पर इसका असर किराए पर भी पड़ेगा जो सीधा आम जनता की जेब पर भारी पड़ेगा।
बेरोजगारी देश में इस वक्त चरम पर है और निजीकरण के नाम पर सरकारी कंपनियों को प्राइवेट हाथों में सौंपा जा रहा है। खुद पीएम मोदी ने कहा है कि 4 सरकारी कंपनियों को छोड़कर बाकी का प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा। इतना सबकुछ होने के बाद भी क्यूट मोदी समर्थकों का कहना है कि भैया शेर पालना महंगा तो पड़ता ही है न। उनसे बस एक ही सवाल है कि भाई साहब! अगर मैं शेर नहीं पालना चाहता हूं तो कोई जबरदस्ती है क्या? शेर पालना महंगा पड़ता है… मतलब कुछ भी।
आशीष कुमार
(लेखक पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)