हाल ही में पता चला कि अमेरिका की मुख्य टेक्नोलॉजी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों को कथित रूप से रूस ने हैकिंग का शिकार बनाया। इसने बाइडेन की नई टीम को असमंजस में डाल दिया कि उसे कैसे, कब रूसी राष्ट्रपति से बदला लेना चाहिए। बदला लेना भी चाहिए या नहीं। मुझे इस असमंजस से बहुत सहानुभूति है क्योंकि व्लादिमीर पुतिन अमेरिका के लिए नर्क से आए एक्स-बॉयफ्रेंड बन गए हैं।
एक समय था जब रूस, अमेरिका के लिए बहुत जरूरी था। उसने एक बार पूरे यूरोप पर जीत हासिल कर, दुनिया में साम्यवाद फैलाने की कोशिश की थी। वह शीत युद्ध का समय था। यह बहुत पहले की बात है। आज हमारा मुख्य वैश्विक प्रतिद्वंद्वी चीन है। पुतिन अब हमारे लिए बहुत जरूरी नहीं रहे। वे तो मॉस्को के माफिया डॉन की तरह हैं, जो भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता एलेक्सी नावलनी को अपने एजेंटों से मरवाने की कोशिश करते हैं।
लोगों का ध्यान अपने भ्रष्टाचार से हटाने और सत्ता पर पकड़ रखने के लिए पुतिन रूसी मातृभूमि और उसकी रूढ़िवादी ईसाई संस्कृति की रक्षा करने वाले के रूप में खुद को पेश करते हैं। अपना महत्व बनाए रखने के लिए वे अमेरिका को स्टॉक (चोरी-छिपे पीछा करना) करते हैं। वे चुनावों में दखल देते हैं, कंपनियां हैक करते हैं और कुटिल मुस्कान के साथ इन सबसे इनकार कर देते हैं।
यह अमेरिकी पॉलिसी मेकर के लिए नई तरह की कूटनीतिक समस्या है कि एक भू-राजनैतिक पीछा करने वाले का सामना कैसे करें? जो हमारी इस बात को स्वीकार नहीं करता कि, ‘व्लाद, हमें अब तुममें रुचि नहीं है। हमारी जिंदगी में अब दूसरे लोग हैं, जैसे चीन।’
पुतिन के पास अब भी परमाणु मिसाइलों का नियंत्रण है। कंपनियों और सरकारी एजेंसियों की हैकिंग से हमने उनकी साइबर-क्षमताएं भी देख लीं। हालांकि, इस सबके पीछे ऐसा देश है, जिसमें कोई गतिशीलता नहीं है। आज रूस परमाणु हथियार और हैकर्स वाली ज़ारवादी अर्थव्यवस्था है। उधर, रूस छोड़कर भागे वैज्ञानिकों ने इजराइल और सिलिकॉन वैली को टेक सुपरपॉवर बना दिया।
आपने आखिरी बार कब एक रूसी कंपनी का कम्प्यूटर या स्मार्टफोन खरीदा था? एक रूसी कार? रूसी घड़ी? पश्चिमी लोगों को बस रूस के वोडका और कैवियार जैसे निर्यात पसंद आते हैं। ऐसा क्यों है? क्योंकि पुतिन को जमीन से निकली चीजें पसंद हैं, लोगों के दिमाग से निकली नहीं। इसलिए उन्होंने तेल आधारित तानाशाही का निर्माण किया, जो प्राकृतिक संसाधनों से चलती है, मानव संसाधनों से नहीं।
तो व्लाद, तुमने हमारी कंपनियां हैक कीं। किसलिए? तुम हम पर आक्रमण तो नहीं करने वाले। हम भी तुम पर आक्रमण नहीं करेंगे। और तुम उन चुराए गए क्रेडिट कार्ड नंबरों का क्या करोगे? एमेजॉन पर भारी खरीद करोगे? सच यह है कि अमेरिका में जो भी चुराने लायक है, वो नजरों के सामने है। यह हमारा संविधान, अधिकार, निष्पक्ष चुनाव और स्वतंत्र न्यायपालिका और FBI है, लेकिन पुतिन यह सब नहीं चाहते।
तो फिर बाइडेन इस भूराजनैतिक पीछा करने वाले को कैसे संभालें? जवाब है, कम लागत का सैन्य अवरोध और भारी मात्रा में कूटनीति, जो हमें नावनली के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ खड़ा करे। इससे पुतिन को संदेश मिलेगा: ‘हमारे पिछले राष्ट्रपति आपके साथ थे। हम आपके लोगों के साथ हैं। आपका दिन अच्छा रहे।’
अवरोध के लिए रूस मामलों के विशेषज्ञ लियोन एरॉन तर्क देते हैं कि यह बाइडेन के लिए जर्मनी से एक-तिहाई अमेरिकी सेना हटाने के ट्रम्प के आदेश को रद्द करने और बाल्टिक नाटो सदस्यों एस्टोनिया और लैटविया को मजबूत करने का सही समय है।
मुझे हाल ही में नावनली के एंटी-करप्शन फाउंडेशन के प्रमुख व्लादिमीर एशुर्कोव ने बताया कि उन्होंने बाइडेन से ऐसे 35 लोगों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जो कथित रूप से पुतिन को याट, अपार्टमेंट और दूसरी लग्जरी चीजें मुहैया कराते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग करते हैं।
नवानली पुतिन के लिए इसलिए खतरा हैं, क्योंकि वे भी पुतिन जितने ही राष्ट्रवादी हैं, लेकिन उनके अभियान का केंद्र पुतिन का भारी भ्रष्टाचार है। इसके साथ ही यह भी न भूलें कि बाइडेन की क्लाइमेट/ग्रीन एनर्जी पॉलिसी भी परिस्थिति हमारे पक्ष में बनाती है। अमेरिका में पैदा होने वाली हर एक गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा, पुतिन के तेल और गैस को कम मूल्यवान बनाती है।
और अंत में बाइडेन, पुतिन को एक आखिरी संदेश भेजें, ‘व्लाद, अगर किसी रात क्रेमलिन के सभी कम्प्यूटर काम करना बंद कर दें और ‘बॉर्न इन द यूएसए’ गीत रेड स्क्वेयर के स्पीकरों पर बजने लगे, तो इसे अमेरिकी साइबर कमांड की एक छोटी चेतावनी समझना कि अगर तुम वाकई हमारे लिए मायने रखते, तो हम क्या कर सकते हैं।’
थॉमस एल. फ्रीडमैन
(लेखक तीन बार पुलित्जऱ अवॉर्ड विजेता एवं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में नियमित स्तंभकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)