नए बजट से जन अपेक्षाएं

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केंद्र सरकार का इस वर्ष 2021-22 का बजट आज संसद में प्रस्तुत किया जाएगा। निश्चित ही इस सदी का यह ऐसा पहला बजट होगा जब कोरोना वायरस की मार झेल रहे देश में लागू होगा। एक तरफ कोरोना से देश की आर्थिक व्यवस्था प्रभावित हुई है। दूसरी ओर पिछले विाीय सरकार की यह कोशिश थी कि गिरती हुई जीडीपी को किस तरह उबारा जाए। सोमवार को पेश होने वाले बजट में जहां सरकार का प्रयास होगा कि स्वास्थ्य सेवा में वृद्धि की जाए ताकि वैसीनेशन का कार्य प्रभावित न हो। इस बजट में किसानों को लुभाने के लिए नए पैकेज की भी घोषणा हो सकती है। आंदोलित किसानों को लुभाने के लिए बजट को प्रभावशाली बनाया जा सकता है। पिछले विा वर्ष में गैस व पेट्रोलियम पदार्थों में बेहताश वृद्धि हुई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हुई बढ़ोतरी से देश के हर तबके पर पहले से मार पड़ रही है। सरकार ने कोरोना की अवधि में पिछले साल मई में पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाया।

कायदे से सरकार को बड़ा हुआ उत्पाद शुल्क वापस लेना चाहिए ताकि पेट्रोलियम उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों को राहत मिल सके और साथ ही इसकी महंगाई के कारण दूसरी जरूरी चीजों की जो महंगाई बढ़ी है कि उससे भी लोगों को राहत मिले। सरकार को विाीय घाटा बढऩे की चिंता छोड़कर सरकारी खर्च बढ़ाना चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था में पैसा आए और मांग बढ़े। बिना मांग बढ़ाए अर्थव्यवस्था में सुधार हो भी जाता है या उच्च विकास दर हासिल भी हो जाती है तो उससे आम लोगों को कोई फायदा नहीं होगा। खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के चलते कैसे नैया पार लगेगी इस वजह से सारे देश की नजरें आम बजट पर टिकी हैं। अमीरों पर कोरोना सेस लग सकता है तो साथ ही बुजुर्गों को कई रियायतें दी जा सकती। इस बजट से लग रहा है कि नई टैस व्यवस्था को आकर्षक बनाया जाएगा। राजकोषीय घाटा नियंत्रण में रखने को सरकार विनिवेश की रफ्तार को और तेज करने की तैयारी में है। बजुर्गों को इनकम टैस में छूट पांच लाख तक की सीमा बढ़ाई जा सकती है। साथ ही उन्हें एक लाख रुपये तक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट मिल सकती है। वरिष्ठ नागरिक सेशन 80 टीटीबी के तहत सेविंग्स बैंक अकाउंट और फिस्ड डिपॉजिट से मिले ब्याज पर साल में एक लाख रुपये तक की छूट लेम हो सकता है।

इस बजट में पीएफ पर छूट की संभावना बनी है। क्योंकि पिछले विाीय वर्ष में विा मंत्री निर्मला सीतारमण जो नई टैस व्यवस्था लेकर आई थीं। लेकिन बहुत कम लोगों ने इस विकल्प को चुना है। नई टैस व्यवस्था को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। इस बजट में ऑनलाइन एजुकेशन पर बल दिया जा सकता है। इसके लिए बजट में नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी और ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा फोकस किया जा सकता है। इस बजट से अपेक्षा की जा रही है कि विा मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के उस प्रस्ताव पर भी गौर कर सकता है जिसमें ऑनलाइन शिक्षा के लिए छात्रों के बढ़ते झुकाव को देखते हुए लेपटॉप, टेबलेट, स्मार्टफोन, इंटरनेट की सुविधा फ्री करने की वकालत की गई है। इसके अलावा इस नए बजट से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार अगले बजट में स्वास्थ्य पर खर्च दोगुना कर सकती हैं। मौजूदा विा वर्ष में स्वास्थ्य बजट 67,484 करोड़ रुपये का था। इसे बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ रुपये तक करने की उम्मीद जताई जा रही है।

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