जिस तरह से देश के अंदर कोविड का पुन: प्रभाव पड़ रहा है, उस पर चिंतन करना व सतर्कता बरतना जरूरी है। इसी को लेकर पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्य मंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा बैठक लेते हुए कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए राज्यों को तीन टी का मंत्र दिया। पीएम का यह कहना कि हमें देशभर में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर एक बार फिर से जोर देना होगा। इससे स्पष्ट हो रहा है कि केंद्र व राज्य सरकार बढ़ते संक्रमण पर गंभीर हैं। इसको लेकर लापरवाही बरतना खतरे से खाली नहीं होगा। जिस तरह से पीएम ने तीन टी का मंत्र दिया है उस पर अमल करना जरूरी है। बढ़ते संक्रमण पर लापरवाही बरतना या इसको हलके में लेना परेशानी बढऩे का संकेत है। संक्रमण की कई लहरें देखने को मिल रही हैं। महाराष्ट्र, केरल, पंजाब और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे रोकने के लिए तेजी से काम करना होगा। इन सबके बीच लोग हैरान-परेशान न हों,इसका भी बखूबी ध्यान रखना होगा। पीएम का यह कहना कि टेस्ट को 70 प्रतिशत करने की जरूरत है। उन्होंने केरल, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश में रैपिड टेस्टिंग ही किए जाने पर चिंता जाहिर की।
स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीनेशन ड्राइव को और गति देने पर ही बढ़ते संक्रमण काबू पाया जा सकता है। अब तक एक अनुमान के मुताबिक करीब 30 लाख वैक्सीन रोज लग रहे हैं। ऐसे में इसे और गति देने की जरूरत है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को इसके लिए जरूरी लगे तो वैक्सीनेशन सेंटर्स बढ़ाने चाहिए। पीएम द्वारा उत्तरप्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वैक्सीन के वेस्टेज पर अधिकारियों को आगाह करना इस बात का संकेत है कि वैक्सीन को पूरी सतर्कता के साथ रखना पड़ेगा। महाराष्ट्र के बाद पंजाब में भी कोविड एक फिर से पैर पसारने लगा है। स्थानीय सरकार ने 12 वीं तक के कालेज व आंगनबाडी केंद्र बंद कर लोगों को सतर्क करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कोविड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पंजाब के आठ जिलों रात का कर्फ्यू भी शुरू कर दिया है। आंगनबाडी सेविकाएं लाभार्थियों को उनके घर ही पौष्टिक आहार वितरित करेंगी। इसके अलावा वार्षिक परीक्षा के बारे में गाइड लाइन दी गई है कि परीक्षार्थी परीक्षा देने ही आएंगे। लापरवाही बरतने पर जितनी वैक्सीन खराब होगी उतने ही लोग टीकाकरण से वंचित रह जाएंगे।
इन राज्यों में वैक्सीन वेस्ट का आंकड़ा करीब 10 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जो वैक्सीन पहले आई है,उसका उपयोग पहले होना चाहिए। पीएम का यह कहना कि अधिकारियों को पाबंदी खुद तय करनी होगी जनता पर इसका भार नहीं डालना होगा। उन्हे बिना खौफ के वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करना होगा। इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि लोगों में दहशत न फैले। हमें दवाई भी कड़ाई भी् का पालन करना होगा। इसके लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करना और करवाना होगा। जो राज्य बचे हुए हैं उन्हें भी सतर्कता बरतते हुए कोविड-19 के नियमों का पालन कराना होगा। राज्य सरकारो को पिछले वर्ष की तरह पुलिस व अधिकारियों की टीमों को निर्देश देने चाहिए कि वह जनता से नियमों को कड़ाई से पालन कराएं। इसको हल्के में लेना या कोविड के प्रति लापरवाही बरतना परेशानियों में वृद्धि करने वाला साबित होगा। आम जनता को भी यह सोच तय कर लेना चाहिए कि जिससे आप मिल रहे हैं वह संक्रमित हो सकता है, उससे बचाव खुद ही करना होगा। तभी कोविड की चेन टूटेगी।