सकारात्मक सोच ही बचाएगी हम

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आचार्य रजनीश ओशो ने भगवान बुद्ध पर दिए अपने प्रवचनों में महामारी का भी जिक्र किया है एक समय वैशाली में दुर्भिक्ष हुआ था महामारी फैली थी लोग मर रहे थे मृत्यु का तांडव हो रहा था सब उपाय हार गए थे। लिच्छवी राजगृह जाकर भगवान को वैशाली लाया गया भगवान की उपस्थिति में मृत्यु का नृत्य धीरे-धीरे शांत हो गया था और मृत्यु पर विजय पा ली गई थी। आज विश्व में फैली कोरोना संक्रमण महामारी को रोकने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सोच में सकारात्मक बदलाव लाना होगा क्योंकि विश्व में समयसमय पर महामारी आती रही है महामारी के कारण मरने का जो डर है उस डर को मन से निकालना होगा क्योंकि डर से बड़ा दुनिया में कोई वायरस नहीं है । विश्व में महामारी समयसमय पर आती रही है जैसे इनफ्लुएंजा वायरस चेचक प्लेग स्पेनिश फ्लू डेंगू आदि और जब किसी रोग का प्रकोप सामान्य की अपेक्षा पहले की अपेक्षा बहुत अधिक होता है तो उसे महामारी कहते हैं। महामारी किसी एक स्थान क्षेत्र पर जनसंया भूभाग पर सीमित होती है यदि कोई बीमारी दूसरे महाद्वीपों मैं भी फेल जाए तो उसे पेन डेमिक कहते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कोरोनावायरस महामारी घोषित कर दिया है कोविड-19 महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है और देश में अब दूसरी लहर चल रही है हजारों लोग प्रतिदिन इस कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर काल के गाल में समा रहे हैं।

इस स्थिति में देश के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनल सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया आदि को अपनी कार्यशैली को सकारात्मक बदलाव देना चाहिए। सरकार अपने स्तर से जो भी संसाधन उपलब्ध करा सकती है वह करा रही है प्रत्येक जागरूक व्यक्ति को इस कोरोना से लडऩे के लिए अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा तभी इस पर काबू पाया जा सकता है क्योंकि जब भी महामारी अनेक रूपों में विश्व स्तर पर आई है और देश में भी आती रही है उन्हें हराने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प की आवश्यकता होती है। देखने को मिल रहा है कि लोग आर्थिक सामाजिक मानसिक शारीरिक रूप से परेशान और दुखी नजर आ रहे हैं। विशेषकर इस परिस्थिति में लोग अवसाद में ग्रस्त हो रहे हैं ला सेट साइकेट्रिक जर्नल मैं छपी स्टडी के अनुसार कोरोना संक्रमण से उबरने वाले मरीजों में से करीब 20 फीसद लोग साइकेट्रिक डिश ऑर्डर के शिकार हो रहे हैं। अब सवाल उठता है कि इस महामारी को रोकने के लिए सरकारअपने स्तर से जो भी बेहतर इलाज देश की जनता को दे रही है। इस सब के बावजूद सरकारी और निजी अस्पतालों में चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर इलाज कर रहे हैं और ऐसे भी डॉक्टर है जो राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे हैं और नि:शुल्क परामर्श देकर लोगों को इस कोरोना से लडऩे का इलाज भी बता रहे हैं और ऐसी परामर्श से लोग घरों में रहकर भी अपना उपचार कर रहे हैं और स्वस्थ भी हो रहे हैं ।

हम सबको मिलकर अपनी इच्छा शक्ति और दृढ़ शक्ति को मजबूत करना होगा और दवा के साथ-साथ दुआओं पर भी अपनी पूरी कीमिया लगानी होगी। लोकतंत्र के चारों स्तंभ न्यायपालिका कार्यपालिका विधायिका और प्रेस अपने अपने स्तर से कार्य कर रही है और कोरोना संक्रमण को हराने के लिए नई नई योजनाएं बना रहे हैं। इन सब से ऊपर उठकर भी समाज के प्रत्येक जागरूक व्यक्ति को तथा आमजन को अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए ध्यान देना होगा और सरकार की कोरोना एडवाइजरी का पालन माक्स लगाना दो गज की दूरी सेनिटाइजर भीड़भाड़ वाले क्षेत्र से बचना अनावश्यक घर से बाहर ना निकलना तथा हैंड वॉश करते रहना चाहिए । लेकिन इस महामारी के बीच जो लोग आवश्यक वस्तुओं में भ्रष्टाचार कर के लोगों के साथ अन्याय कर रहे हैं उन पर भी सरकार को ध्यान देते हुए उनके खिलाफ दंडात्मक सत कार्रवाई करनी चाहिए । देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जो कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण हो रहा है उसे कराने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए और एक दूसरे को टीकाकरण कराने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए । इस महामारी को रोकने के लिए जितना सरकारें कार्य कर रही है उतना ही समाज के प्रत्येक जागरूक व्यक्तियों को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करना चाहिए। इस कोरोना संक्रमण महामारी को दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प के साथ सबको मिलकर हराना होगा ।

जगतपाल सिंह
(लेखक कानून विशेषज्ञ हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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