ब्रिटेन के वायरस से भारत भी चिंतित

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ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने जहां ब्रिटेन में शासन-प्रशासन से लेकर आम जनता की चिंताओं में वृद्धि कर दी है वहीं भारत में चिंताए बढऩा स्वभाविक है। हालांकि देश के वैज्ञानिक व विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन में उभरे इस वायरस के नए स्ट्रेन से भारत में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भारतसऊदी अरब ने ब्रिटेन व अफ्रीका से आने वाली तमाम उड़ानें एक सप्ताह के लिए बंद कर दी है। फिल्हाल भारत में जो चिंता का विषय है, वह है हाल-फिल्हाल में ब्रिटेन से आए भारतीय नागरिकों की तलाश है इन नागारिकों की केंद्र सरकार ने लिस्ट तैयार करते हुए यूपी सहित कई राज्यों से साझा करते हुए इन नागरिकों को तलाश करने की रणनीति बनाई जा रही है। पिछले दस माह से कोरोना वायरस का दंश झेलने वाली केंद्र सरकार को ब्रिटेन से लौटने वाले इन भारतीय नागरिकों की तलाश इस लिए है सरकार इनकी जांच कराकर यह देखना चाहती है कि इनमें कोरोना वायरस का नए स्ट्रेम का लक्षण तो नहीं है? सरकार का दावा है कि लॉकडाउन के बाद पिछले एक महीने यानी 25 नवंबर से 22 दिसंबर तक ब्रिटेन से कुल 50 हजार 832 लोग ब्रिटेन से भारत आए हैं।

इन सभी लोगों की तलाश शुरू हो गई है। अब सरकार की सिरदर्दी यह कि इन नागरिकों की तलाश करके इनकी कोरोना की जांच कराएगी। सरकार का यह प्रयास होगा कि इन आने वाले भारतीयों में इस नए वायरस के लक्षण तो नहीं है, यदि हैं तो उनकों आइसोलेशन वार्डों में तब तक रखा जाएगा जब तक पूर्ण रूप से ठीक नहीं हो पाते? यहां भी एक प्रश्न यह है कि क्या विदेशों से लौटने वाले भारतीयों की हवाई अड्डों पर कोरोना की जांच कराई गई। सरकार की एक चिंता यह भी है कि डेवलप की गईं वैक्सीन इस पर कारगर होंगी या नहीं। हालांकि, जर्मनी की फार्मा कंपनी बायोएनटेक का दावा है कि उसकी वैसीन ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी असरदार रहेगी। क्योंकि ब्रिटेन में मिले स्ट्रेन पिछले वाले कोरोना वायरस से 99 प्रतिशत मेल खाता है जिस पर इस तैयार हुई नई वैसीन पूरी तरह कारगर होने का दावा किया गया है। केरल में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार चिंतित दिखाई दे रही है। केरल में प्रतिदिन लगभग छह हजार नए केस आ रहे हैं। सरकार को वहां पर नियंत्रण करने के लिए प्रभावी ठोस कदम उठाने चाहिए।

भारत के पड़ौसी देश भूटान में कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए बुधवार से लॉकडाउन लगाया गया है। भारत में भी जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण का प्रभाव है वहां, विशेषकर महाराष्ट्र व कर्नाटक में स्थानीय सरकारों ने रात का कर्फ्यू लगाया जा रहा है। सरकार की प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत दी जा रही है कि बिना कारण घूमने वालों के साथ पुलिस सती से पेश आए, ताकि इस महामारी से देश को बचाने में मदद मिल सके। भारत को भूटान से आने-जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए सकारात्मक कदम उठाने होंगे। ताकि इस महामारी से निजात पाई जा सके। सरकार के साथ-साथ हमारी भी यह जिम्मेदारी बनती है कि जब तक भारत या पड़ौसी देशों में कोरोना का प्रकोप है तब तक पूर्ण रूप से कोरोना के प्रति सचेत रहते हुए नियमों का पालन करना होगा। स्मरण रहे कि कोरोनो से निजात पाने को जागरूकता और सतर्कता जरूरी है। हमें यह सोचकर जीना होगा कि हम जिस व्यति से मिल रहे हैं, उसकों कोरोना है। उसके साथ अभद्रता न करते हुए बचाव करना जरूरी है, तभी इस महामारी से निजात मिल सकेगी।

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