ऑसफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च अलर्ट करने वाली है। रिसर्च कहती है, ऐसे लोग जो सिर्फ वीगन डाइट लेते हैं उनकी हड्डियां कमजोर होने के अलावा फ्रैचर होने का खतरा रहता है। मीट खाने वालों के मुकाबले वीगन डाइट लेने वालों में कैल्शियम और प्रोटीन की कमी हो जाती है। नतीजा, 43 फीसदी तक हड्डियां फ्रैक्चर होने का खतरा ज्यादा रहता है। वीगन डाइट में मांस या अंडे ही नहीं, डेयरी प्रोडट जैसे दूध, दही, घी, पनीर को खाने की मनाही रहती है। कई लोग शहद का भी सेवन नहीं करते। इस डाइट में केवल पौधों से मिलने वाली चीजों को खाया जाता है। जैसे-अनाज, सब्जियां, फल, फलियां और ड्राय फ्रूट्स।
नतीजे चौंकाते हैं: बीएमसी जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, वीगन डाइट लेने वाले 1 हजार लोगों पर 10 साल तक रिसर्च की गई। रिसर्च में सामने आया कि इनके कूल्हे, पैर की हड्डी और बैक बोन में फ्रैक्चर के मामले दिखे। डाइट एसपर्ट और शोधकर्ता टैमी टॉन्ग कहते हैं, मीट खाने वाले के मुकाबले वीगन डाइट लेने वालों के कूल्हे में फ्रैक्चर के मामले 2.3 गुना ज्यादा दिखे।
1 हजार में 20 ऐसे गंभीर मामले दिखे। रिसर्च कहती है, वीगन डाइट लेने वालों में बॉडी मास इंडेस घटने के साथ कैल्शियम और प्रोटीन की कमी भी हो जाती है। इसलिए अलर्ट रहने की जरूरत है।
इन 6 बातों का ध्यान रखें: लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट सुरभि पारीक बताती हैं कि वीगन डाइट 3 महीने से अधिक समय तक न लें। लगातार प्लांट बेस्ड डाइट लेने से शरीर में आयरन, कैल्शियम, विटामिन-डी और बी-12 की कमी हो जाती है। कई बार लोग दूध के ऑप्शन के तौर पर सोया मिल्क, सोया पनीर लेते हैं। डाइट में सोया की मात्रा अधिक होने पर हार्मोनल इबैलेंस होने का खतरा रहता है। नतीजा, हेयरफॉल और स्किन स्पॉट्स के रूप में दिख सकता है। इसलिए वीगन डाइट लेते समय एसपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर लबे समय के लिए यह डाइट लेते हैं तो एसपर्ट कुछ सप्लिमेंट्स प्रिस्क्राइब करते हैं जो कैल्शियम, विटामिन-डी, बी-12 और आयरन की कमी पूरी करते हैं। सिर्फ प्लांट बेस्ड डाइट लेते हैं कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए सुबह 9 बजे से पहले कुछ समय धूप में बैठें। इससे विटामिन-डी की कमी पूरी होगी और हड्डियां भी मजबूत होंगी। विटामिन बी-12 की कमी होने पर थकान और कमजोरी महसूस होती है इसलिए डाइट में सोया ड्रिंस, अनाज जरूर लें। सिर्फ सब्जियों और फलों पर डिपेंड न रहें। लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट सुरभि के मुताबिक, हरी सब्जियां लेने के बावजूद लोगों में आयरन की कमी हो सकती है योंकि ये लो-हीम फूड हैं। इनसे उतना आयरन नहीं मिल पाता जितना चाहिए। इसके लिए मटर, टोफू और ड्रायफ्रूट्स जरूर लें।