छत्तीसगढ़ के बीजापुर में दो दिन पहले हुए नसली हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सीएम भूपेश बघेल से बातचीत कर केंद्र की ओर से हर संभव मदद का भरोसा देना इस बात को दर्शा रहा है कि अब सरकार नसलियों को हल्के में लेने के मूढ में नहीं है, वह स्थाई समाधान चाहती है। संभव है कि नसलवाद को खत्म करने के लिए सेना सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ठोस कदम उठा सकती है। लगभग दो दर्जन सीआरपीएफ के जवानों की शहादत के बाद शहीद जवानों के परिजन सहित देशवासियों में नसलवाद के प्रति जो आक्रोश पनप रहा है, उससे लग रहा है कि स्थानीय सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी ठोस कदम उठाना चाहती है, जिससे शहीद जवानों की शहादत का बदला लिया जा सके। बीजापुर में नसली एनकाउंटर के बाद छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह कहना कि जवानों का यह सर्वोच्च बलिदान है। उनके इस शौर्य ने इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा दिया है। अब हम इसे अंजाम तक लेकर जाएंगे। उन्होंने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है।
सीनियर ऑफिसर्स के साथ मीटिंग के बाद गृह मंत्री शाह मीडिया से बात करते हुए अपने वतव्य से सेना में उत्साह का संचार करना इस बात की दलील है कि सरकार नसलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है।
गृहमंत्री का कहना था कि अब जरूरत है कि इन नसलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। आए दिन होने वाले नसली हमले से देश पूरी तरह आहत है, और वह शहीद सैनिकों की मौत का बदला लेना चाहता है। उन्हें शांत करने व नसलियों के हौंसले पस्त करने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है। शहीदों को नमन करने पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल व सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति विचार मंथन के साथ देशवासियों को भरोसा दिलाना कि नसलवाद को जड़ से खत्म करने के प्रयास होंगे। शाह ने पूरी घटना के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए सीआरपीएफ के जवानों में जोश भरते हुए दिलासा दिया कि इस संकट के समय में देश सेना के साथ है, सेना को नसलियों के खात्मे के लिए पूरी मदद की जाएगी। अब हम इस लड़ाई को विजय में बदलेंगे गृहमंत्री अमित शाह का यह कहना सेना के जवानों में जोश भरना है, उनका उत्साहवर्धन के लिए शाह ने कहा कि संकट की घड़ी में पूरा देश जवानों के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा, इस लड़ाई को हम विजय में बदलेंगे। जवानों ने नसलियों के गढ़ में घुसकर मारा है। नसली अब सिमट गए हैं। भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से विकास के कार्य में गति लाने का काम किया जा रहा है। सेना को केंद्र की ओर हरसंभव मदद दिलाए जाएगी। नसलियों के खिलाफ यह अंतिम लड़ाई होगी, उनके इस वतव्य से सीआरपीएफ के जवानों में उत्साह का नया संचार हुआ है। बीजापुर में नसलियों से हुई मुठभेड़ में लापता जवान तारकेश्वर भी नसलियों के कब्जे में, इसकी जानकारी नसलियों द्वारा एक ऑडियो संदेश द्वारा देना कई आशंकाओं को जन्म दे रहा है कि नसली जवान को छोडऩे के बदले में कुछ बड़ी मांग कर सकते हैं। हालांकि नसलियों ने जवान तारकेश्वर को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाने का यकीन दिलाया है। गृहमंत्री द्वारा उत्साहवर्धन करने से जवानों में अपने शहीद साथियों का बदला लेने की कसक है। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के चाहिए कि वह केंद्र व राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में ऐसी रणनीति को बनाए, जिससे नसलियों को हौंसला पस्त हो जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो, देश के साथ सेना के जवान सुरक्षित रहें।