सार गीता का सार By admin - June 15, 2020 0 214 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp जब तुम अपने कर्तव्य को निष्ठा के साथ करते हो तो तुम्हें फल की चिंता नही रहती, वही कर्तव्य परायणता कहलाती हैष। व्यक्त को अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए।