गीता सार

0
586

तुम अपने आपको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here