मैं भी उस वत को था, बीवी मायके गई थी। सो सोचा, उनके दल को जॉइन करके देश के कामों में भी हाथ बटालूं घर के कामों में तो बीबी का हाथ बहुत बटाया, पर किसी काम न आया। सारा दिन बीवी के साथ बीवी का हाथ पीछे करके घर के काम करता रहा और शाम को जब वह अपनी सहेलियों से बातें करती रही ती बस, मेरे नाकारेपन को ही उछालती रही। मेरे अंधेरे पक्ष को ही अपनी सालियों से बांटती रही। ज्यों ही उनकी पार्टी ज्वाइन करने के इरादे से उनकी पार्टी के जनरल हाउस वाले तंबू में घुसने लगा कि तंबू के गेट पर खड़े सियोरिटी वाले ने मुझे रोकते हुए पूछा, कि सीधे कहां जा रहे हो, जनरल हाउस में। पुराने वकर हो, नहीं। पछले दिनों उन पर जनरल हाउस में उनके ही एक खास वर्कर ने जूता उछाल दिया था। तबसे उनके हाउस से लेकर जनरल हाउस में जूते ले जाना मना है, मैंने होने वाले प्रधानमंत्री जी की इज्जत का ख्याल रखते हुए जूते खोल अपने हाथ में लेते कहा, लो, खोल दिए जूते। अब तो अंदर जाने दो। जूते हाथ में ले जाना चाहते हो?
यहां रखो। यहां से कई उठाकर ले गया तो..देश के होनहार नेताजी का जनरल हाउस है। दूसरे तुम्हारे इतने फटे जूते तुम्हारे सिवाय और कोई नहीं ले जा सकता। मैंने जूते खोला सियोरिटी वाले के हाथ पर धरे तो वह अपनी ड्यूटी को लेकर प्रसन्न हुआ, ये जेब में पेन सा क्या है? पेन सा.. पेन हीं है। लिखना आता है। पेन लिखने के लिए थोड़े होता है। दिखने के लिए होता है। मतलब, इसमें स्हाई है। सूखे पेन केवल बुद्धिजीवियों के पास होते हैं। कौन सी। या मतलब तुम्हारा स्याही तो स्याही होती है। मेरा मालब लाल, काली, हरी या फिर नीली, काली है? काला हूं। इसलिए मुझे काली स्याही बहुत पसंद है। तो इसे भी मुझे दे दो, सूखे पेन तक अलाउड नहीं। उसने मेरी जेब से पेन छीनने को हाथा बढ़ाया तो मैंने पार्टी ज्वाइन करने से पहले ही उसका विरोध किया। काले मुंह की पीड़ा को में अच्छी तरह जानता हूं। ऐसे में मैं किसी का मुंह काला कैसे कर सकता हूं।
मुंह की कालिख साफ करते कहा तो यह बोला, यहां काले माले ही अधिकतर दूसरों के गोरे मुंह समय से पहले काला करने की फिराक मे काली स्याही लिए छिपे रहते हैं। सियोरिटी वाले ने मुझे घूरते कहा और मेरी जेब से पेन छीन लिया। जाते हुए ले जाना, उसके बाद वह मुझे अंदर से चेक करने लगा तो मुझे गदगुदी सी होने लगी। मैंने पूछा, अब ये क्या कर रहे हो, दिमाग चेक कर रहा हूं। दिमाग… सुनके मैं डरा। मेरे पास दिमाग उस वत था ही कहां वह ती बीबी अपने साथ मायके लेगई थी। असल में विवाह के दूसरे दिन ही बीवी ने मुझसे मेरा दिमाग वर में मांग लिया था। पर क्यों। देखना चाहता हूं कि यह कितना खाली है। मतलब? मार वर्कर का दिमाग खाली होगा तभी तो उनकी धारा उसमें घुस पाएगी। भरे दिमाग वालों को जनरल हाउस में आने देना मना है। उसने कहा और मेरे बिन दिमाग वाली खोपड़ी को बजा उसमें दिमाग को महसूस करने लगा पहुंचे हुए डॉक्टर की तरह।
आलोक गौतम
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)