हम बड़े दिनों से इंतजार कर रहे थे कि 2020 कब खत्म होगा। क्योंकि हमने कहा 2020 साल ही अच्छा नहीं था। हम इंतजार कर रहे थे 2021 आएगा तो जीवन बदल जाएगा, परिस्थितियां बदल जाएंगी, मन की स्थिति बदल जाएगी। हमने सोचा हमारी मन की स्थिति, हमारी खुशी, हमारे मन की शक्ति और शांति, परिस्थितियों पर, लोगों पर निर्भर है।
जैसे एक बच्चा पूछता है आपको क्या लगता है मेरा परीक्षा में क्या होगा? तो हम उससे कहते हैं, जैसी तैयारी होगी, वैसा ही तो होगा। हम यह नहीं कहते कि अगर एक्जाम आसान होगा तो अच्छा होगा और मुश्किल होगा तो कैसे अच्छा होगा। हम परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं करते, हम तैयारी पर फोकस करते हैं।
2020 में हमारी परीक्षा मुश्किल हो गई थी, लेकिन हमारी तैयारी कैसी थी? 2021 शुरू हो गया, पर हमें क्या पता है कि इस साल कौन-सी परीक्षा आएगी। चाहे वो विश्व में हो, देश, शहर, मोहल्ले, परिवार या व्यक्तिगत जीवन में हो, मेरे शरीर पर हो, क्या मुझे पता है कि 2021 मेरे लिए कौन-सी बातें लेकर आ रहा है। इस साल की परीक्षा कैसी होगी।
अब फोकस करते हैं अपनी तैयारी पर, परीक्षा पर नहीं। ये नहीं सोचना 2021 कैसा होगा। महत्वपूर्ण यह है कि हमारे मन में कैसा होगा। क्योंकि जैसा मन में होगा वही तो जीवन की गुणवत्ता होती है। जीवन वो नहीं है, जो हमारे साथ होता है। जीवन यह है कि जो होता है उसके प्रति हमारा नजरिया, हमारे शब्द और व्यवहार कैसे हैं। इसलिए आज से हम इंतजार नहीं करेंगे।
इंतजार से जीवन नहीं बदलता, इंतजाम से बदलता है। हम सब सोच रहे होंगे कि नए साल में कौन-सी नई आदतें, नए संस्कार जीवन में अपनाएंगे। हर साल प्लान बनाते हैं और बहुत प्यार से लागू कर अपने जीवन में परिवर्तन लाते हैं। वो प्लान हम किसी भी दिन बना सकते हैं। छोटी-छोटी आदतें, बातें, छोटे-छोटे व्यवहार, सोचने का तरीका, ये मेरी आत्मिक शक्ति को घटा सकते हैं।
जितनी मेरी आत्मिक शक्ति होगी, वो मेरी जीवन की क्वालिटी होगी। आत्मिक शक्ति यानी मेरी तैयारी। जीवन की हर परिस्थिति का सामना करने के लिए मेरी तैयारी कैसी है। हम उन छोटी-छोटी बातों को देखते हैं, जिनसे हम आत्मा की शक्ति बढ़ा सकते हैं। जैसे – जब हमें अपने शरीर का ध्यान रखना है तो हम छोटी-छोटी बातें करते हैं। जल्दी उठते हैं, रात को जल्दी सोते हैं, अपने डाईट में बदलाव लाते हैं।
एक चीज याद रखें कि एक महान परिवर्तन लाने के लिए कुछ बहुत बड़ा नहीं करना पड़ता। लेकिन छोटे-छोटे परिवर्तन रोज करने हैं। परमात्मा कहते हैं हर क्षण आपका नया हो। परमात्मा सिखाते हैं कि नए साल का इंतजार नहीं करना, नए दिन का भी इंतजार नहीं करना, आपका हर क्षण नया होना चाहिए।
तब हमारी मन की स्थिति आगे बढ़ती जाएगी। उसी को अगर गणित की भाषा में समझें तो जो आज हम हैं, अगर एक साल तक ऐसे ही रहते हैं, तो हमारे अंदर कोई बदलाव नहीं आता। यानी हम 1 पर ही रहते हैं और 1×365 =1, यानी कुछ नहीं बदलता। लेकिन अगर हम अपने अंदर एक फीसदी भी परिवर्तन लाते हैं और उस एक फीसदी को रोज लाते हैं, तो एक साल के अंदर हमारे अंदर 367% बदलाव आ जाएगा।
अब हमें लगता है कि अगर कुछ नहीं भी किया तो हम जैसे आज वन हैं 365 दिन के बाद हम वन ही होंगे। लेकिन ऐसा होगा नहीं। क्योंकि अगर हम वन परसेंट ऊपर नहीं उठते हैं, तो संभव है कि हम थोड़ा-सा नीचे चले जाएंगे। क्योंकि वातावरण का प्रभाव, लोगों की स्थिति का प्रभाव, परिस्थिति का प्रभाव पड़ता है। हम अकेले तो नहीं हैं ना।
परिस्थितियां कैसी होंगी नहीं पता, लोग कैसे होंगे नहीं पता, उनका व्यवहार कैसा होगा नहीं पता, तो ये बदलाव का असर कम होने की बहुत आशंका है। हमारी सुरक्षा इसी में है कि हम अपना एक फीसदी ऊपर बढ़ाकर रखें। और हर रोज वो एक फीसदी ऊपर बढ़ाते रहें।
रोज छोटे-छोटे बदलाव, जो हम अपने अंदर लेकर आएंगे, तो सोचो 365 दिन में कितना बदलाव होगा। अपनी मन की स्थिति में रोज छोटा परिवर्तन करें। जब हम ये करेंगे तो हमें ये नहीं सोचना पड़ेगा कि 2021 कैसा होगा, 2022 कैसा होगा। हम इंतजार नहीं करेंगे। परीक्षा कैसी होगी, हम ये नहीं सोचेंगे। हमारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपनी तैयारी पर होगा।
बीके शिवानी
(लेखिका ब्रह्मकुमारी हैं ये उनके निजी विचार हैं)