मध्यप्रदेश में हनी ट्रैप कांड के उजागर होने के बाद जहां चाय-चौपाल से लेकर मंत्रालय तक में खुसर-फुसर हो रही है वहीं एक के बाद एक सेक्स रैकेट उजागर हो रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे मध्यप्रदेश को सेक्स हब बनाने में कुछ अफसरों, कुछ नेताओं और कुछ पत्रकारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी हो।
दरअसल मध्यप्रदेश देश का हृदय स्थल है जिसे कभी औद्योगिक हब तो कभी एजुकेशन हब तो कभी पर्यटन का 0 की गई लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से एक के बाद एक सेक्स रैकेट उजागर हो रहे हैं और उसमें अधिकारी, नेता, व्यापारी और पत्रकारों की शामिल होने की चर्चाएं आ रही हैं उससे लगता है मध्यप्रदेश को बदनाम करने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। हनी ट्रैप मामले में जिस तरह से एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं उससे लगता है कि मध्यप्रदेश में कुछ लोगों की काली करतूतों का जाल देश के अन्य राज्यों में भी फैल चुका था। यदि इंदौर के हरभजन सिंह ने इसका भंडाफोड़ नहीं किया होता तो ना जाने और कितने लोग इस हनी-मनी के जाल में फंसते।
बहरहाल हनी ट्रैप कांड में नित नए खुलासे हो रहे हैं। सरकार ने एसआईटी गठित की और 24 घंटे के अंदर ही उसके मुखिया को बदल दिया क्योंकि यह मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है। इसमें जो लोग शामिल हैं वे इतने रसूखदार हैं कि वे मामले को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसमें जिस तरह से अधिकारियों-नेताओं की संलिप्तता नजर आ रही है उससे अंदाज लगाना मुश्किल है कि आखिर यह हनी-मनी का खेल प्रदेश में कब से चल रहा था और इसका नेटवर्क कहां-कहां तक फैल गया है। पिछले 3 दिनों में ही बड़े-बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है जिसमें सांची के पास की होटल में लड़के और लड़कियां बरामद हुई हैं। उनकी संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। इसी तरह अयोध्या नगर थाने के अंतर्गत महंगी गाड़ियां और मलाईदार लोगों को फंसाने का जो कांड हुआ है उसमें व्यापारियों को अच्छा खासा ब्लैकमेल किया गया है। यहां पर अयोध्या नगर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी और 3 सिपाही भी गैंग में शामिल बताए जाते हैं। यहां की ब्लैकमेलर गैंग अपने हुस्न के जाल में लगभग एक दर्जन व्यापारियों को शिकार बनाकर वसूली कर चुकी है। समाज में बदनामी के डर से व्यापारी गैंग के इशारे पर नाचते गए और रकम देकर ब्लैकमेल होते रहे।
इधर मंगलवार को पुलिस ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर कोलार, दानिश कुंज में एक सेक्स रैकेट को पकड़ा जिसमें 9 युवतियां और 11 युवक शामिल थे। यहां पर मुंबई और नागपुर से युवतियां बुलाई जाती हैं। एसपी शैलेंद्र चौहान का मानना है कि इस रैकेट के तार इंदौर हनी ट्रैप कांड से भी जुड़े हो सकते हैं। कुल मिलाकर अस्मत के बदले किस्मत बदलने वालों ने लगता है कहीं कोई संकोच नहीं किया है। बड़ी बेशर्मी से युवतियों का इस्तेमाल किया गया है। सेक्स के बदले फायदे दिए गए हैं। जब एसआईटी एक के बाद एक इन मामलों की परतें खोलेगी तब पता चलेगा कि आखिर यह बीमारी कहां-कहां तक फैल गई है। यदि नेताओं और अफसरों पर सत्ता और पैसे का नशा सवार नहीं होता तो फिर यह बीमारी प्रदेश में इस कदर नहीं फैल पाती।
जाहिर है प्रदेश में इस समय हनी-मनी का सन्नाटा है। गली-कूचे से लेकर मंत्रालय तक खुसर-फुसर हो रही है और एक-दूसरे से पूछ रहे हैं और किस-किस के नाम सामने आ रहे हैं। इस कांड में और कौन-कौन शामिल थे लेकिन हनी ट्रैप कांड में अभी तक बड़े नाम उजागर नहीं किए गए हैं, लेकिन प्रदेश में जगह-जगह जिस तरह से सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हो रहा है उससे प्रदेश में काली करतूत करने वालों का जाल महानगरों से लेकर छोटे-छोटे कस्बों तक फैल गया है जिस पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है अन्यथा कितने लोग ब्लैकमेल होते रहेंगे और कितने युवा-युवतियां अपना भविष्य बर्बाद करते रहेंगे, कहा नहीं जा सकता।
देवदत्त दुबे
लेखक पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं