गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप लोग कराते रहे हैं, लेकिन इसे महज उनकी आस्था ही माना जाता रहा है। लेकिन अब दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में इसके प्रभाव को जानने के लिए स्टडी की जा रही है। इस मंत्र के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास को साइंटिफिक तरीके से प्रमाणित करने के लिए स्टडी की जा रही है। हेड इंजरी के मरीजों को इस मंत्र को सुनाने का प्रयोग देश में पहली बार राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किया गया है, जिसके अच्छे संकेत भी मिल रहे हैं।
रिसर्च करने वाले डॉक्टर का दावा है कि एक -दो महीने के अंदर फाइनल रिपोर्ट आ जाएगी। अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉक्टर अजय चौधरी और उनकी टीम इस पर स्टडी कर रही है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर उपवास (पीरियॉडिक फास्टिंग) का चलन अपने देश में हजारों साल से है। श्रद्धालु चतुर्दशी, एकादशी जैसे व्रत रखते हैं, लेकिन देश में इस पर कोई स्टडी नहीं हुई है। 2016 में मेडिसिन का नोबेल प्राइज जिस जापानी डॉक्टर को मिला, उन्होंने पीरियॉडिक फास्टिंग पर ही स्टडी की थी। जापानी डॉक्टर ने अपनी स्टडी में बताया कि पीरियॉडिक फास्ट करने वालों के अंदर बीमारी वाले सेल्स खत्म हो जाते हैं। खासकर कैंसर सेल्स मर जाते हैं।