04 अगस्त 2024 रविवार को अमावस्या है, जानिए महत्व

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अमावस्या एक हिंदू पंचांग के अनुसार वह दिन है जब चंद्रमा का कोई अंश आकाश में दिखाई नहीं देता। यह मासिक चंद्र चक्र का अंतिम दिन होता है और इसे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ मनाया जाता है।

अमावस्या के दौरान लोग कई प्रकार की धार्मिक गतिविधियों और अनुष्ठानों में भाग लेते हैं, जैसे:

  1. पितरों की पूजा: अमावस्या को पितरों (पूर्वजों) की पूजा और श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व होता है।
  2. दान-पुण्य: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने का प्रचलन है। कहा जाता है कि अमावस्या को दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
  3. व्रत और उपवास: कई लोग इस दिन उपवास रखते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
  4. गंगा स्नान: अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, विशेषकर गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इसे पवित्र और शुद्धिकरण का कार्य माना जाता है।
  5. नए कार्यों की शुरुआत: कुछ लोग अमावस्या के दिन नए कार्यों की शुरुआत करने से बचते हैं, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है।

🔥 हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
🍛 सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।
🔥 विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।
🔥 आहुति मंत्र 🔥
🌷 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
🌷 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
🌷 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
🌷 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
🌷 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

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