भगवान शिवजी, श्रीविष्णु जी तथा पीपल वृक्ष की पूजा से होगी मनोकामना पूरी

0
371

भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक हर माह के तिथि के पर्व की विशेष महिमा है। प्रख्यात ज्योतिषविद् श्री विमल जैन जी ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या तिथि सोमवती अमावस्या के नाम से जानी जाती है, जो कि समस्त अमावस्या तिथियों में सोमवती अमावस्या की विशेष महिमा है। भाद्रपद कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि कुशोत्पाटनी अमावस्या तिथि के नाम से जानी जाती है। इस अमावस्या पर ब्राह्मण वर्ग धार्मिक व मांगलिक कृत्यों को सम्पन्न करने व सम्पादित करवाने के लिए कर्मकाण्डी ब्राह्मण विद्वान् कुश का उत्पाटन करते हैं। कुशा नामक घास वर्षभर धार्मिक कृत्यों में प्रयोग करने के लिए आज के दिन शुभ मुहूर्त में की जाती है। हिन्दुओं के धार्मिक अनुष्ठानों में किसी न किसी रूप में कुश का प्रयोग अवश्य होता है। भाद्रपद की अमावस्या तिथि के दिन ही कुश का उत्पाटन किया जाता है। कुशोत्पाटनी अमावस्या एवं सोमवती अमावस्या एक ही दिन होने से इसका विशेष महत्व बढ़ गया है। इस बार सोमवार, 6 सितम्बर को अमावस्या तिथि पड़ने से सोमवती अमावस्या एवं कुशोत्पाटनी अमावस्या का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।

_ज्योतिषविद श्री विमल जैन जी ने बताया कि भाद्रपद कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि सोमवार, 6 सितम्बर को प्रातः 7 बजकर 39 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन मंगलवार, 7 सितम्बर को प्रातः 6 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इस तिथि पर गंगा स्नान-दान-श्राद्ध करने का विशेष महत्व है। सोमवती अमावस्या तिथि के दिन पीपल के वृक्ष को जल से सिंचन करके विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पीपल वृक्ष में समस्त देवताओं का वास माना गया है। अमावस्या तिथि पर विधि-विधान पूर्वक पितरों की भी पूजा-अर्चना की जाती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है। इस दिन पीपल के वृक्ष व भगवान् शिवजी व श्रीविष्णु जी की पूजा-अर्चना के साथ पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा करने पर आरोग्य व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सोमवार का दिन देवाधिदेव महादेव शिवजी का माना गया है। आज के दिन शिवपूजा भी कल्याणकारी होती है। शिवजी का रुद्राभिषेक भी आज के दिन करवाना लाभकारी माना गया है। इस बार सोमवार के दिन अमावस्या पड़ने से और अधिक शुभ फलकारी हो गई है। इस दिन व्रत उपवास रखकर इष्ट-देवी देवता एवं आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए।

__ आज अमावस्या तिथि पर ब्राह्मण को घर पर निमन्त्रित करके भोजन करवाने की विशेष धार्मिक मान्यता है। ब्राह्मण को भोजन करवाकर सफेद रंग की वस्तुओं का दान जैसे-चावल, नमक, शुद्ध देशी शी, दूध, मिश्री, चीनी, खोवे से बने सफेद मिष्ठान्न, सफेद वस्त्र, चाँदी एवं अन्य सफेद रंग की वस्तुएं दक्षिणा के साथ देकर, उनका चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए। किसी कारणवश यदि ब्राह्मण को भोजन न करवा सकें तो उस स्थिति में उन्हें भोजन सामग्री (सिद्धा) के साथ नकद द्रव्य देकर पुण्य लाभ प्राप्त करना चाहिए। अमावस्या तिथि के दिन अपनी जीवनचर्या नियमित संयमित रखकर अपने परम्परा के अनुसार समस्त धार्मिक अनुष्ठान सम्पादित करना चाहिए। पीपल के वृक्ष की पूजा का आज विशेष महत्व है। पीपल वृक्ष पूजा के मन्त्र-ॐ मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्ये विष्णुरूपिणे अग्रतो शिवरूपाय पीपलाय नमो नमः। आज के दिन व्रतकर्ता को अपनी दिनचया नियमति व संख्यमित रखते हुए। यथासम्भव गरीबों, असहायों और जरूरतमन्दों की सेवा व सहायता तथा परोपकार के कृत्य अवश्य करने चाहिए। जिससे जीवन में सुखसमृद्धि, खुशहाली बना रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here