चैत्र महीने की एकादशी आज: तकलीफों से छुटकारा पाने को किया जाता है पापमोचनी एकादशी का व्रत

0
582

समस्त प्रकार के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं

चैत्र महीने के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस बार पंचांग भेद नहीं होने से ये व्रत 7 अप्रैल को किया जाएगा। इस बार एकादशी तिथि बुधवार को सूर्योदय से पहले ही शुरू होगी और अगले दिन सूर्योदय तक रहेगी। इसलिए ये व्रत बुधवार को ही किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि पापमोचनी एकादशी व्रत करने से व्रती के समस्त प्रकार के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से भक्तों को बड़े से बड़े यज्ञों के समान फल की प्राप्ति होती है। पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने से सहस्त्र अर्थात् हजार गायों के दान का फल मिलता है। ब्रह्म ह्त्या, सुवर्ण चोरी और सुरापान जैसे महापाप भी इस व्रत को करने से दूर हो जाते हैं।

इस विधि से करें एकादशी व्रत: पापमोचनी एकादशी के विषय में भविष्योत्तर पुराण में विस्तार से वर्णन किया गया है। इस व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है। व्रत रखने वाले को दशमी तिथि को एक समय सात्विक भोजन करना चाहिए और भगवान का ध्यान करना चाहिए। एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प करें। संकल्प के बाद षोड्षोपचार यानी 16 सामग्रियों से भगवान श्रीविष्णु की पूजा करें। पूजा के बाद भगवान के सामने बैठकर भगवद् कथा का पाठ करें या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाएं। परिवार सहित बैठकर भगवद् कथा सुनें। रात भर जागरण करें। रात में भी बिना कुछ खाए। संभव न हो तो फल खा सकते हैं। भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें। द्वादशी तिथि यानी अगले दिन सुबह स्नान करके विष्णु भगवान की पूजा करें फिर ब्राह्मणों को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। इसके बाद स्वयं भोजन करें। इस प्रकार पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं तथा व्रती के सभी पापों का नाश कर देते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here