कोरोना वायरस पर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्टने एक बार फिर नई बहस को जन्म दे दिया है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्टमें अब कहा गया है कि कोरोना वायरस किसी जानवर के जरिए चमगादड़ से इंसानों में पहुंचा होगा, वुहान की लैब से लीक नहीं हुआ। जिससे अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि जब चीन की लैब से कोरोना वायरस लीक नहीं हुआ तो आखिर आया कहां से। हालांकि डब्ल्यूएचओ किसी जानवर या चमगादड़ द्वारा कोरोना वायरस फैलने का अंदेशा जता रहा है। कोरोना वायरस इंसानों में कैसे फैला, पिछले एक साल से जारी इस बहस के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की टीम की ओर से एक बड़ा दावा सामने आया है। संगठन के एसपट्र्स का कहना है कि यह वायरस संभवत: चमगादड़ से किसी दूसरे जानवर इंटरमीडियरी के जरिए इंसानों तक पहुंचा होगा। एसपट्र्स ने इस वायरस के वुहान चीन की लैब से लीक होने की बात को खारिज कर दिया है। पिछले वर्ष अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि वायरस वुहान की लैब से लीक हुआ। डब्ल्यूएचओ के एसपट्र्स ने इस आशंका को खारिज कर दिया।
चीन ने कहा था कि वायरस का ओरिजिन उसके यहां नहीं था, बल्कि यह इंपोर्टेड फ्रोजन फूड के जरिए वहां पहुंचा। एसपर्ट ने इस संभावना से इनकार तो नहीं किया, लेकिन कहा कि इसके आसार बहुत कम हैं। हालांकि, एसपट्र्स की टीम ने वायरस के इंसानों तक पहुंचने की वजह को लेकर कोई पुख्ता जवाब नहीं दिया है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ के एसपट्र्स की टीम कोरोना वायरस के ओरिजिन का पता लगाने के लिए चीन गई थी। इस बारे में मंगलवार को डिटेल रिपोर्ट भी जारी की गई। डब्ल्यूएचओ के डायरेटर जनरल टेड्रोस एडहेनॉम ग्रेब्रेयीसस का कहना है कि इंटरनेशनल एसपट्र्स प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताएंगे कि उनकी जांच में या सामने आया। साथ ही कहा कि इस महामारी के ओरिजिन को लेकर आगे और स्टडी की जरूरत है। कोरोना वायरस के चलते 15 महीने में दुनियाभर में 27 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इस संक्रमण की वजह से पिछले साल दुनियाभर की सरकारों और जनता को टोटल लॉकडाउन का दंश झेलना पड़ा था। अब फिर वहीं समय लौटता दिख रहा है। लॉकडाउन की वजह से भारत समेत दुनियाभर के देशों की इकोनॉमी को काफी नुकसान हुआ था।
देश के करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई, अब तक भारत समेत दुनिया की जनता कोरोना वायरस का प्रभाव झेल रही है। चीन पर आरोप लगे थे कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से दुनियाभर में फैला। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने एसपट्र्स की टीम बनाकर जांच के लिए चीन भेजी थी। हालांकि, चीन ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसी वजह से एसपट्र्स की रिपोर्ट में देरी हुई। जांच टीम को वुहान में एंट्री मिलने में भी दिकतें हुई थीं। ये टीम इस साल 14 जनवरी को वुहान पहुंची थी। लगभग साढ़े तीन माह की जांच-पड़ताल में टीम के हाथ चीन के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं। प्रश्न उठता है कि यदि ये वायरस चीन के वुहान शहर की लैब से नहीं लीक हुआ तो पूरी दुनिया इससे प्रभावित कैसे हो गई। यदि डल्यूएचओ की टीम यह दावा करती है कि यह वायरस चमगादड़ के माध्यम से इंसानों में फैला तो इस पर नियंत्रण यों नहीं किया गया। यदि डब्ल्यूएचओ का तर्क व दावा सही है तो दुनिया के अधिकांश कोरोना प्रभावित देशों ने अपना लापरवाही छिपाने के लिए चीन को दोषी ठहराया था।