गीता सार

0
1684

क्यों व्यर्थ चिंता करते हो ?
किसलिए दुखी होते हो ?
जो हुआ, अच्छा हुआ जो हो रहा है, अच्छा हो रहा है,
जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here