दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके पढ़ने से बचना चाहिए, स्टडी टेबल पर रखें देवी सरस्वती, गणेशजी या मायत्री माता की मूर्ति

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बच्चों का मन पढ़ाई में लगे, इसके लिए घर में सकारात्मकता होनी जरूरी है। वास्तु की मान्यता है कि जिन घरों में दोष होते हैं, वहां रहने वाले बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लग पाता है। बच्चों को पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ पं. मनीष शर्मा के अनुसार स्टडी रूम में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो विद्यार्थियों को पढ़ाई में लाभ मिल सकता है। एकाग्रता बढ़ाने के लिए बच्चों को रोज सुबह जल्दी उठकर कुछ देर ध्यान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए। नकारात्मकता बढ़ाने वाली चीजों से दूर रहना चाहिए। स्टडी के लिए चौकोर टेबल ज्यादा सुविधाजनक होती है। ध्यान रखें टेबल स्थिर रहनी चाहिए।

अगर टेबल हिलती रहती है तो पढ़ाई में एकाग्रता नहीं बन पाती है। पढ़ाई करते वक्त बच्चों का मुंह दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। इस दिशा में मुंह रखकर की गई पढ़ाई याद नहीं रह पाती है। बच्चों को खासतौर पर पूर्व दिशा में मुंह रखकर पढ़ाई करनी चाहिए। स्टडी के लिए ये सबसे अच्छी दिशा है। इसके बाद उत्तर या पश्चिम दिशा में भी पढ़ाई कर सकते हैं। स्टडी रूम में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसी जगह स्टडी रूम बहुत अच्छा रहता है, जहां दिनभर में कभी भी कुछ देर के लिए सही, लेकिन सूर्य का प्रकाश आता है। सूर्य की रोशनी से कई तरह के दोष दूर होते हैं। सकारात्मकता बढ़ती है।

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