राजस्थानी डॉक्टरों पर नाज – कोरोना नहीं रहा लाइलाज

0
496

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। दहशत है। पर इसी बीच कुछ अच्छी खबरें भी सामने आ रही हैं। जिनसे सब कुछ अच्छा होने की आस जगी है। दुनिया भर के चिकित्सक जहां ये दावा कर रहे हैं कि कोरोनावायरस की वैसीन तैयार करने में एक साल लगेगा, वहीं राजस्थान ने कोरोना को हराकर सभी को चौंका दिया है। यहां सवाईमानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने स्वाइन लू, मलेरिया और एचआईवी की दवा देकर कोरोना से पीडि़त तीन मरीजों को ठीक कर दिया है। एसीएस हैल्थ रोहित कुमार सिंह ने बताया कि एसएमएस के डॉक्टर्स ने कोरोना पॉजिटिव इटली निवासी महिला को लोपिनाविर 200एमजी/रिटोनाविर 50 एमजी का डोज दिन में दो बार दिया। इस कॉम्बिनेशन से आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) भी संतुष्ट था।

इसके अलावा इटली के ही 69 वर्षीय और जयपुर के आदर्श नगर निवासी 85 वर्षीय बुजुर्ग को स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली ओस्लेटामिविर और मलेरिया में इस्तेमाल होने वाली दवा लोरोवीन दी। इन दवाओं के कॉम्बिनेशन का ही परिणाम रहा कि तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। दवा का कॉम्बिनेशन जानने के लिए कर्नाटक, बिहार, दिल्ली गुजरात, मुंबई और आंधप्रदेश के डॉक्टरों ने जयपुर के एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क साधा है। इस तरह वैसीन तैयार कर रहे हैं चिकित्सक: जहां से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला, वहां से एक अच्छी खबर आ रही है यानी चीन से। चीन में अब तक 75 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से मुक्त हो चुके हैं। यानी ठीक हो चुके हैं। अब इनके शरीर से एंटीबॉडीज लेकर वैसीन विकसित किया जाएगा। साथ ही उसे बंदरों के एंटीबॉडीज से मिलाकर देखा जाएगा कि कितनी समानता है?

चीन के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में कुछ बंदरों को कोरोना वायरस संक्रमित किया था। अब इन बंदरों के शरीर ने इस वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक शक्ति) हासिल कर ली है। बंदरों द्वारा कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित करने का मतलब ये हैं कि इंसान भी अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करके इस बीमारी से लड़ सकता है। यानी अब इन बंदरों के शरीर से एंटीबॉडीज लेकर नए वैसीन बनाए जा सकते है। एंटीबॉडीज हमारे शरीर में रहने वाले वो सिपाही हैं जो बाहर से होने वाले बैटीरिया और वायरस के हमले से बचाते हैं। बीमारियों से लड़ते हैं और हमें किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाते हैं। चीन के वैज्ञानिक अब बंदर से लिए गए एंटीबॉडीज का इंसानों पर परीक्षण एक महीने में शुरू करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, उनके एंटीबॉडीज को लेकर भी चीन वैसीन बनाने की तैयारी में है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here