अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कतर व पाकिस्तान समेत तमाम देश गिरफ्त में
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तो काफी पहले ही पहुंच चुका था। लेकिन पहली मौत से सनसनी फैल गई है। एक 36 साल के युवक को एर्नाकुलम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जिसमें कोविड-19 जैसे लक्षण देखने को मिल रहे थे। देर रात उस शस की मौत हो गई है। अब डॉक्टर यह जांच करने मे जुटे हैं कि क्या शस की मौत कोरोना वायरस से हुई है? इटली व अमेरिका में भी इस वायरस की वजह से मौत की खबर मिल रही है। ईरान पहले ही चपेट में है। इसके अलावा आस्ट्रेलिया समेत दर्जनों देश वायरस की पीड़ा झेल रहे हैं। चीन के हालात बदतर हो चुके हैं। अब इस तरह की खबरें भी आ रही हैं कि चीन की बजाय किसी दूसरे देश से कोरोना वायरस चीन में फैला है। विश्व स्वास्थय संगठन ने इसे सबसे खतरनाक व शीर्ष स्तर की बीमारी घोषित किया है। मृतक शस मलेशिया से लौटा था और उसके टेस्ट की पहली रिपोर्ट निगेटिव आई थी। अलापुझा के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की पहली रिपोर्ट के अनुसार वह शस कोविड-19 से संक्रमित नहीं था। हालांकि, मृत व्यक्ति के शव को अभी भी आइसोलेशन में ही रखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोटोकॉल के मुताबिक इस पर कोई भी फैसला दूसरे सैंपल टेस्ट के बाद ही लिया जा सकता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक बैठक की और ये फैसला किया सैंपल को टेस्ट के लिए पुणे लैब भी भेजा जाए। मलेशिया से लौटा था शस: यह शस पिछले करीब ढाई साल से मलेशिया के एक सुपरमार्केट में काम कर रहा था, जो केरल के पेन्नूर का रहने वाला है। गुरुवार रात को ही वह शस कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा था। गुरुवार देर रात ही उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया गया था। उसे वहां वेंटिलेटर पर रखा गया था। सप्लाई ठप: कोरोना वायरस की मार झेल रहे चीन से भारत में आयात होने वाले सामानों की सप्लाई लगभग ठप हो गई है। इसके कारण भारत पर बुरा असर हो रहा है। अब भारत इन सामानों के लिए विकल्प तलाश कर रहा है। दरअसल, भारत चीन से भारी संख्या में सामानों का आयात करता है, इनमें वे चीजें ज्यादा शामिल हैं जिनका भारत में रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होता है। भारत का 50 फीसदी से भी ज्यादा आयात अकेले चीन से होता है। भारतीय एयरलिट: कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद पिछले कई दिनों से जापान के तट पर खड़े क्रूज शिप डायमंड प्रिंसेज में फंसे 119 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है। एयर इंडिया की एक स्पेशल फ्लाइट से इन भारतीयों और 5 विदेशी नागरिकों को गुरुवार सुबह दिल्ली लाया गया। ये 5 विदेशी श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के हैं।
भारत ने इन लोगों को एयरलिफ्ट करने में मदद के लिए जापान को शुक्रिया कहा है। खास बात यह है कि इंडियन एयर फोर्स का एक विमान चीन के वुहान शहर से भी 112 भारतीयों व विदेशियों को लेकर आ रहा है। वायरस की शुरुआत पर सवाल: नॉवेल कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में तमाम शोध किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक इन शोध में पता चली जानकारी के मुताबिक इस वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह पता लगाना अभी भी मुश्किल है। ऐसपर्ट का कहना है कि कोरोना वायरस के ओरिजिन का पता लगाने कि लिए और ठोस व ऑथेंटिक रिसर्च कि जाने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स ने शनिवार को कोरोना से जुड़ी यह रिपोर्ट पब्लिश की। गौर करने वाली बात है कि अब तक कोरोना वायरस से 2,977 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट कहना है कि अमेरिका में अभी तक कोरोना वायरस के कम से कम चार मामले मिले हैं जिनके सोर्स का अभी पता नहीं चला है। झांग ने कहा कि दोनों बातों को अभी एक साथ रखकर देखा जाना चाहिए और जब तक पर्याप्त सबूत ना हों किसी सटीक जानकारी से बचना चाहिए। वुहान नहीं है कोरोना का केंद्र: 21 फरवरी को चाइनीज़ अकेडमी ऑफ साइंसेज में असोसिएट प्रोफेसर यू वेनबिन ने एक रिसर्च पेपर सबमिट किया। इस पेपर में संकेत दिए गए हैं कि हो सकता है वुहान में हुआनन सीफूड मार्केट कोरोना वायरस का केंद्र ना हो।
हालांकि, यू और उनके कर्मचारियों का मानना है कि हो सकता है हुबेई में मौजूद नॉवेल कोरोना वायरस कहीं और से आकर यहां फैला हो। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यह रिसर्च विज्ञान पर आधारित है। उनके मुताबिक अगर अमेरिका में मिले नॉवेल कोरोना वायरस के सभी टेस्ट रिजल्ट ग्रुप सी के पाए जाते हैं, तो कहा जा सकता है कि यह चीन से ही फैला। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हो सकता है कि यहीं से फैला हो। अमेरिका में मौत: कोरोना वायरस पश्चिम एशिया और यूरोप से होते हुए अब अमेरिका भी पहुंच गया है। इस जानलेवा वायरस से अमेरिका में एक शस के मौत की पुष्टि हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके देश के पास बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं है, वह इससे निपट लेगा। इस बीच विश्व स्वास्थय संगठन ने कोविड-19 के फैलाव और प्रभाव को असेस करने के बाद पाया है कि यह ग्लोबली शीर्ष स्तर का खतरा बताया है। ऑस्ट्रेलिया में मौत: कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। ऑस्ट्रेलिया का यह नागरिक जापान में डायमंड प्रिंसेज क्रूज शिप सवार था और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक की पर्थ में रविवार को एक अस्पताल में मौत हो गई। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस से मौत का यह पहला मामला है। बता दें कि योकोहामा में क्रूज पर सवार 150 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकोमें 78 वर्षीय व्यक्ति को अलग रखने के बाद जहाज से निकाल लिया गया था।
इसके अलावा थाइलैंड में भी कोरोना से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। वहीं आयरलैंड में भी कोरोना से पहली मौत हो चुकी है। वहां के हेल्थ डिपार्टमेंट ने पुष्टि की। उत्तरी इटली की यात्रा से वापस लौटे एक यात्री की मौत हो गई है। कतर पहुंचा वायरस: कतर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना वायरस का पहला मरीज सामने आया है। मंत्रालय के बयान के अनुसार, हाल ही में ईरान से लौटे 36 वर्षीय कतर का नागरिक देश में कोरोना वायरस का पहला मरीज है। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस का पहला मरीज ईरान से लाए गए नागरिकों में से एक है। अरबों खर्च कर रहा चीन: चीनी सरकार ने महामारी की रोकथाम के लिए 25 अरब 29 करोड़ युआन की पूंजी लगाई है और स्थानीय सरकारों ने भी 64 अरब 86 करोड़ युआन लगाई है। कुल मात्रा 90 अरब युआन से अधिक रही है। यह रकम 36 एयरबस ए 380 यात्री विमानों के मूल्य के बराबर है। पाकिस्तान में 4 मरीज: पाकिस्तान में कोरोना वायरस से दो और लोग पीडि़त पाए गए जिससे देश में सीओवीआईडी- 19 से पीडि़त लोगों की संया चार हो गई है। इससे पहले देश में 26 फरवरी को दो लोग इस घातक बीमारी से संक्रमित पाए गए थे।