19 साल बाद बनेगा 15 अगस्त और रक्षाबंधन का योग इस साल नहीं रहेगी भद्रा

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इस साल रक्षाबंधन पर्व 15 अगस्त को है। स्वतंत्रता दिवस के साथ भाई-बहन के स्नेह का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है। इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा। श्रवण नक्षत्र में दिन की शुरुआत होगी, जो 8:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र है। सुबह 11 बजे तक सौभाग्य योग और इसेक बाद शोभन योग में रक्षाबंधन मनेगा।

19 साल बाद 15 अगस्त पर पर्व

उज्जैन ज्यैतिषाचार्य प. मीनष शर्मा के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के साथ रक्षा बंधन पर्व 19 साल पहले 2000 में मनाया गया था। श्रवण नक्षत्र सुबह 8:01 बजे तक ही है। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र आ जाएगा। इसीलिए रक्षा बंधन शाम चार बजे से पहले करना चाहिए। गुरुवार को पूर्णिमा तिथि व श्रवण नक्षत्र के मिलने से सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन पूर्णिमा शाम 4:20 बजे तक रहेगी। श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर गुरुवार को राखी बंधेगी। ज्योतिषविद् श्यामनारायण व्यास के अनुसार श्रावण पूर्णिमा के दिन की शुरुआत श्रवण नक्षत्र में होगी। इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। सौभाग्य और शोभन योग के कारण भी यह पर्व खास संयोग लेकर आ रहा है। इस दिन यजुर्वेदीय ब्रह्मणों का उपाकर्म भी होगा। गायत्री जयंती और लव-कुश जयंती भी इसी दिन है। भद्रा नहीं होने से पूरे दिन रक्षाबंधन के लिए शुभ है।

सूर्योदय के पहले समाप्त होगी भद्रा

ज्योतिषविद् अर्चना सरमंडल के अनुसार इस बार भद्रा सूर्योदय के पहले ही समाप्त हो जाएगी। श्रवण नक्षत्र, स्वामी चंद्र, योग सौभाग्य करण वणिज, राशि मकर, स्वामी शनि, इन सभी योग को मिला कर पूरा दिन रक्षाबंधन के लिए शुभ है। बहने शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकेंगी।

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