5 जून का पंचाग

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🌤️ दिनांक – 05 जून 2022
🌤️ दिन – रविवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
🌤️ मास – ज्येष्ठ
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – षष्ठी पूर्ण रात्रि तक
🌤️ नक्षत्र – अश्लेशा रात्रि 12:25 तक तत्पश्चात मघा
🌤️ योग – व्याघात 06 जून प्रातः 04:49 तक तत्पश्चात हर्षण
🌤️ राहुकाल – शाम 05:38 से शाम 07:18 तक
🌞 सूर्योदय – 05:57
🌦️ सूर्यास्त – 19:16
👉 दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – स्कंद षष्ठी, जामात्रा षष्ठी, विंध्यवासिनी पूजा, महारानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस (झांसी), विश्व पर्यावरण दिवस, षष्ठी वृद्धि तिथि
🔥 विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
💥 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
💥 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।

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