4 अप्रैल का पंचाग

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🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 04 अप्रैल 2020
⛅ दिन – शनिवार
⛅ विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)
⛅ शक संवत – 1942
⛅ अयन – उत्तरायण
⛅ ऋतु – वसंत
⛅ मास – चैत्र
⛅ पक्ष – शुक्ल
⛅ तिथि – एकादशी रात्रि 10:30 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ नक्षत्र – अश्लेशा शाम 05:09 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग – धृति दोपहर 10:21 तक तत्पश्चातम शूल
⛅ राहुकाल – सुबह 09:25 से सुबह 10:57 तक
⛅ सूर्योदय – 06:30
⛅ सूर्यास्त – 18:52
⛅ दिशाशूल – पूर्व दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – कामदा एकादशी

💥 विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

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