साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज 19 नवंबर 2021 को 12.48 बजे शुरू होगा और 4.47 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का मध्यकाल दोपबर बाद 2:34 बजे रहेगा। इस बार का चंद्र ग्रहण भारत के लिए आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। क्योंकि यहां पूरा दिखाई नहीं देगा। चूंकि ग्रहण उत्तर भारत में दिखेगा नहीं इसलिए सूतक काल भी नहीं होगा। लेकिन लोगों के मन अब सवाल होगा कि यह आंशिक चंद्रग्रहण है जो ग्रहण की सावधानिया वर्तनी होंगी या नहीं?
कुछ ज्योजिषाचार्यों के अनुसार, चंद्र ग्रहण आंशिक है तो भी ग्रणह जैसी सावधानियां वर्तनी चाहिए। वहीं कुछ का मानना है कि यह ग्रणह भारत विशेषकर उत्तर भारत के लोगों के लिए खास महत्व नहीं रखता। लेकिन आप अपने पंडित या घर के बुजुर्ग से इस बारे में सलाह के अनुसार उपाय अपना सकते हैं।
पंडित राजीश शास्त्री की ओर से पूर्व में दिए वक्तव्य के अनुसार, ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को भी विशेष सावधानी वर्तनी चाहिए। खासकर ग्रहण के दौरान अपने पास किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, चाकू, असलाह आदि न रखें। ग्रहण के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय मंत्र जाप करें। ग्रहण के बाद स्नान दान करें। इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव कम होगा। जानकारों के मुताबिक ग्रहण काल में गर्भ में पल रहे बच्चों को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिस विभिन्न उपाय अपनाने चाहिए। गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण 19 नवंबर का समय :–
चंद्र ग्रहण दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और 4.47 बजे समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण का चरम दोपहर बाद 2.34 बजे होगा जो कि अरुणाचल प्रदेश व असम के कुछ हिस्सों में थोड़ी देर के लिए देखने को मिलेगा। इसके साथ ही इस बार का चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, उत्तर अफरीका व दक्षिण अफ्रीका और यूएसए/दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा।
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं रखें ये सावधानियां –
- ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।
- ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- ग्रहणकाल में सहवास नहीं करना चाहिए।
- ग्रहणकाल में कैंसी, सूई, चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें।
- ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
- ग्रहण को खुली आंखों से न देखें। हालांकि चंद्र ग्रहण देखने से आंखों पर कोई बुरा असर नहीं होता।
- ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।