हार की बौखलाहट

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अंतराष्ट्रीय मंचों पर मात खाने के बाद यूनियन सिक्योरटी कौंसिल के दर पर चीन के सहयोग से पाकिस्तान कश्मीर पर अनौपचारिक वार्ता कराने में भले ही कामयाब हुआ लेकिन अंदरखाने नतीजा यही निकला कि कश्मीर मसला पकिस्तान और भारत के बीच का मामला है इस पर तीसरे देश की भूमिका नहीं हो सकती। 1972 में शिमला एग्रीमेंट के हिसाब से भी यही सहमति बनी थी कि दोनों देशो के बीच ही बातचीत होगी । वैसे भी अनौपचारिक बैठकों पर कोई नीतिगत बयान जारी नहीं होता। इस तरह मामले को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश एक बार फिर नाकाम हो गयी। हालांकि पाकिस्तान इतने पर ही खुश है कि उसे यूनियन सिक्योरटी कौंसिल में अपनी बात पहुंचाने का मौका मिला। खुद पकिस्तान के पीएम इमरान खान ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान की बड़ी जीत हुई है।

जबकि हकीकत कुछ और है जिसे बड़ी खूबसूरती से भारतीय राजनयिक सैयद अक बरुद्दीन ने अपने जवाब से दुनिया के सामने पेश किया। भारत के साथ बातचीत के सवाल पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तो भडक़ उठे। कुरैशी ने कहा कि जब तक भारत कर्फ्यू हटाता नहीं है, मैं उससे कोई बात नहीं करुंगा। पाकिस्तानी विदेश मंत्री का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल है। सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान और चीन की कोशिशों के बेदम होने के बाद शुक्रवार को भारतीय राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन मीडिया से मुखातिब हुए। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने अपनी हाजिरजवाबी, तथ्यों और कूटनीतिक जवाबों से पाकिस्तानी पत्रकारों को निरुत्तर कर दिया।

इस दौरान जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने इस्लामाबाद-नई दिल्ली के बीच बातचीत होने की शिकायत की तो अकबरुद्दीन खुद उनके पास गए और दोस्ती का हाथ मिलाया। अकबरुद्दीन जहां पाकिस्तानी पत्रकार से हाथ मिला रहे थे वहीं ठीक उसी समय पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत से बातचीत की बात करने वाली एक महिला पत्रकार पर बुरी तरह से भडक़ गए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला पत्रकार ने कुरैशी से पूछा, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए क्या आपकी अपने भारतीय समकक्ष से कोई बातचीत हो सकती है? इस सवाल पर कुरैशी भडक़ गए। उन्होंने कहा, आप यह मानती हैं कि भारत से बातचीत करूं, जब वह कश्मीरियों को खंजर मार रहा है? मैं उससे बातचीत करूंगा? हरगिज नहीं करूंगा।

कुरैशी ने कहा कि जब तक भारत कर्फ्यू हटाता नहीं है, मैं उससे कोई बात नहीं करूंगा। अपने पूरे भाषण के दौरान कुरैशी ने ऊर्दू के भारी-भरकम शब्दों का इस्तेमाल कर भारत को सुनाते रहे। पाकिस्तानी विदेश मंत्री की बौखलाहट उनके बेकाबू लफ्जों से साफ प्रगट होती है। वैसे भी पाकिस्तान की आपत्ति बेमायने है क्योंकि कश्मीर पर दो बाते शुरू से स्पष्ट हैं। एक कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और दूसरा इससे जुड़े सारे विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच हल होंगे इसमें कोई बिचौलिया नहीं होगा। जहाँ तक कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का सवाल है यह देश का भीतरी मामला है ।जहाँ तक भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते की बात है तो इसमें एलओसी का उल्लंघन नहीं हुआ है। यही वजह है कि दूसरे देशों ने पाकिस्तान की नहीं सुनी यह उसे अब समझ जाना चाहिए।

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