मां भारती सेवक/मां भारती भक्त/ मां भारती पुत्र
भारत एक ऐसा देश है जहां कण-कण में भगवान विराजते हैं। यह न केवल मान्यता है बल्कि सच्चाई है। क्योंकि भारतीय अपने आसपास की प्रकृति, जीव-जंतु, तारामंडल यहां तक कि बहने वाली नदियों को भी मां का दर्जा देते हैं। इसीलिए भारत को कुछ लोगों ने एक अलग अजूबा देश बताया है। टेलीविजन भी इससे अछुता नहीं रहा और अब आने वाले समय में यह एक अलग ही रूप लेता जा रहा है। इंटरटेंनमेंट के नाम पर कुछ ऐसा मनोरंजन परोसा जा रहा है जो हमारे गरवित इतिहास को शर्मिंदा कर रहा है। क्या यह हम सब भारतीयों का हक नहीं कि हम अपनी युवा पीढ़ी और पथभ्रष्ट लोगों को यह बतायें कि आर्यभट्ट से लेकर जीरो तक की खोज हमारे वेदपुराणों और ऋषिमुनियों की देन है। हमारी हनुमान चालीसा हजारों वर्षों से पहले लिखी गई और उस समय एक चैपाई जो सबको याद है “जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।” जो आज से सैंकड़ों साल पहले महाकवि गोस्वामी श्री तुलसी दास जी द्वारा लिखी गई इसका भाव में यह बताया गया कि सहस्रो योजन दूरी यानी (युग x सहस्त्र x योजन = पर भानु) नौ करोड़ साठ लाख मील (यही दूरी कुछ साल पहले नासा ने भी बताया) को देख हनुमान जी ने उसे मधुर फल समझकर मुंह में रख लिया। लेकिन उन्नीसवी शताब्दी में वैज्ञानिकों ने इसकी सही दूरी नाप इस बात को सच साबित कर दिया कि जो दूरी हनुमान चालीसा में दर्ज थी वह सत्य थी। लेकिन आज हम अपनी इन्हीं मान्यताओं और विशेषताओं को भूलकर पाश्चात्य सभ्यता की ओर बढ़ते चले जा रहे हैं। हमारी युवा पीढ़ी भारत के इतिहास पर गौरवान्वित होने की बजाय पाश्चात्य सभ्यता पर इतरा रही है और उसे ही ब्रहम सत्य मान बैठी है। नतीजा हमारा रहन-सहन, हमारी दिनचर्या, हमारा सामजिक ढांचा कहीं न कहीं ढगमगा रहा है।
सुभारती जिसका मतलब है कि ऐसा भारतीय जो भारतमाता का असली सपूत हो। जो “वासुदेव कुटुम्बकम” के सिद्धांत को न केवल एक अपनी जीवनशैली समझे बल्कि उसे अपने जीवन में उतारकर भारत को सुभारती बनाने का स्वप्न साकार करे। सुभारती चैनल का अर्श वाक्य शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कार इसी का एक उच्च उदाहरण है। क्योंकि शिक्षा व्यक्ति को मानवता सिखाती है। स्वथ्य व्यक्ति ही देश सेवा और भारती की सेवा करने का साहस दिलाता है और संस्कार हमें जीवन की राह दिखाने के साथ-साथ एक अच्छे भारतीय होने के मार्ग प्रशस्त करता है। सुभारती चैनल हमेशा से इस ओर अग्रनीय रहा है कि हम भारतीय संस्कृति, सभ्यता और अपनी धरोहर को संभालते हुए अपने सुभारती स्वप्न को साकार करें और अपने धर्म, संस्कृति और कर्म को तर्कसंगत बनाने के साथ-साथ अपने विचार को धर्मानाकुल बनायें। इसी लक्ष्य को लेकर सुभारती चैनल आज चैनलों की भीड़ में एक अलग खड़ा हो स्वामी विवेकानंद और भगवान गौतमबुद्ध के आदर्शों पर चल एक नये भारत के निर्माण में सतत् सहयोग करने का बीड़ा उठाया है।
सुभारती चैनल एक धार्मिक चैनल है और इस श्रेणी के अन्य चैनलों में चलाये जाने वाले महान संतों के विचारों, पंचांग के अतिरिक्त हम अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम और विषय, विचार को प्राथमिकता दे रहे हैं। वेद एक ऐसा विषय है जिस पर अब तक कोई भी चैनल लगातार प्रोग्राम नहीं चला पाया है। इसको ध्यान में रखते हुए परम्पूज्य स्वामी विवेकानंद सरस्वती जी के ‘आदि ज्ञानवेद’ नामक प्रोग्राम जिसमें वेदों की व्याख्या की गई है एक अलग प्रयास है। जो किसी अन्य चैनल पर उपलब्ध नहीं है। इनके साथ ही भगवान गौतमबुद्ध ने हमें विश्व शांति की राह दिखाई और बताया कि सूर्य, चंद्रमा और सत्य ये तीन ज्यादा देर तक नहीं छिप सकते। इसे अगर कोई अपनी जीवनशैली में उतारे तो महामानव के दिशा में अग्रसर होता चला जायेगा। यह हम सब भारतीयों के लिए एक गर्व का विषय है जिसे हम अपने चैनल पर प्राथमिकता दे रहे हैं। भारतीय धर्म या हम कहें कि राष्ट्र धर्म सुभारती का एक मूल मंत्र है और इसी मूल मंत्र को आधार बनाकर हम अपने चैनल पर कार्यक्रम बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।
आज का युवक अपने गौरवपूर्ण इतिहास को भूलता जा रहा है। हमारा उद्वेश्य है कि हम युवाओं में इस गौरव को महसूस करायें और सुभारती चैनल के माध्यम से राष्ट्रीयता, विश्वबंधुत्व तथा सर्वधर्म सम्भाव एवं ‘वासुदेवकुटुम्बकम’ के मंत्र को जन-जन तक पहुंचाने हेतु कार्य करें। ‘राष्ट्र सर्वप्रथम’ की दिशा में आगे बढ़ते हुए राष्ट्र निर्माण और युवा मन को एक नई दिशा देने में ‘सुभारती’ अग्रसर है जिसका उद्वेश्य पूर्ण व्यवसायिक न होते हुए राष्ट्र उत्थान तथा वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को भारतीय धर्म, संस्कृति, राष्ट्र निर्माण और आपसी भाईचारे से अवगत कराना है।
राष्ट्र निर्माण की राह आसान नहीं। निःस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले राष्ट्र भक्तों की संख्या बहुत कम है। इसलिये सुभारती उन राष्ट्रभक्तों को एक आवाहन कर रहा है कि वह एक मंच पर इकट्ठे हों और मिलकर आवाज उठाएं कि हम सब भारतमाता के सपूत हैं। अलग-अलग जाति-धर्मों के, क्षेत्रों के, भाषाओं को बोलने वाले हैं लेकिन हमारा सपना है सुंदर, शिक्षित, स्वस्थ और संस्कारिक भारत ‘सुभारती’ चैनल उनको यह मंच प्रदान कर रहा है। जहां हम सब मिलकर अपनी आवाज और विचारों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचा सकें।
हम मानते हैं कि इस मुहिम में आपका और हमारा कुछ आर्थिक व्यय भी होगा उसे हम अन्य व्यवसायिक माध्यमों से पूरा करेंगे ताकि आपके और हमारे सहयोग से सुभारती अभियान को अनवरत् चलाया जा सके। इस अभियान को ताकत देने और इस दिशा में पूरे मन और तन से आगे बढ़ने के लिये सच्ची खबर जन-जन तक पहुंचाना जरूरी है। इसके लिए “सुभारती मीडिया लिमिटेड” दिन-प्रतिदिन प्रयासरत् है और हमारा माध्यम हैं समाचार पत्र ‘प्रभात’ हिन्दी दैनिक जो अब 76 साल का जवान होने जा रहा है। सुभारती चैनल जिसमें हम सबके विचार जो भारत निर्माण के लिये जरूरी है लेकर चल रहे हैं और इसके अलवा आज के संसार की सबसे बड़ी क्रान्ति सोशल मीडिया जिसमें वेबसाइट, फेसबुक, यू-टयूब ट्विटर, और इंस्टाग्राम मौजूद हैं। सुभारती चैनल आप विश्व के कोने-कोने में डीटीएच, वेबसाइट और यू-टयूब के साथ-साथ फेसबुक और अन्य मोबाइल फोन नेटवर्कों पर कहीं भी, कभी भी, किसी भी समय देख सकते हैं।
कैसे जुड़ें ‘सुभारती’ अभियान से
अगर आप भारतीय हैं और आपके पास है-
1. समाज में आपकी साफ छवि एवं जनसंपर्क।
2. शिक्षा।
3. इंटरनेट और कम्प्यूटर की सुविधा।
4. वीडियो कैमरा/ मोबाइल फोन कैमरा
तो आप इस महान कार्य में हिस्सा ले सकते है और सुभारती यानी अच्छे भारतीय की भूमिका निभा सकते हैं।
अगर उपरोक्त सभी शर्तें आप पूरी कर रहे हैं तो आप बन सकते हैं मां भारती सेवक/मां भारती भक्त/मां भारती पुत्र
‘सुभारती’ चैनल / ‘प्रभात’ समाचार पत्र आपको क्या देगा
1. अगर आपके पास कोई धार्मिक, राष्ट्रीय या समाज से संबंधित कोई खबर या सूचना है तो उसे 76 सालों से सत्त् चले आ रहे समाचार पत्र प्रभात में प्रकाशित किया जा सकता है।
2. सुभारती चैनल पर धार्मिक और सामाजिक समाचारों की श्रेणी में चलाया जा सकता है।
3. आपको पहचान पत्र दिया जायेगा।
4. प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
5. चैनल आई.डी. दी जायेगी।
6. स्टीकर एवं बैनर।
7. आवश्यकतानुसार लाइव या डी-लाइव की सुविधा।
8. आपके मन की आवाज को संपूर्ण भारत ही नहीं बल्कि पूरे संसार में पहुंचाना।
9. आप बन सकते हैं समाज के परिवर्तक और निदेशक।
10. आप सुभारती/प्रभात का छोटा फ्लैक्स बोर्ड अपने ऑफिस या घर पर लगा सकते हैं।
आपके और हमारे आर्थिक संबंध-
1. मां भारती सेवक/ मां भारती भक्त/ मां भारती पुत्र बनने की पूरी प्रक्रिया के बाद धारक को किसी कथा, आरती या अन्य आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी आय का 20 प्रतिशत देय होगा।
2. अगर आपकी रिपोर्ट या आपके द्वारा दिये गये विज्ञापन लगातार आ रहे हैं तो विज्ञापन की कुल राशि जमा हो जाने के बाद आपको उसका 20 प्रतिशत देय होगा। आपको लॉटरी के आधार पर एक ड्रॉ निकलने के बाद हर तीन महीने में सम्मानित भी किया जायेगा तथा इसका समाचार सुभारती चैनल और दैनिक प्रभात दोनों में प्रमुखता से प्रकाशित किया जायेगा।
3. राष्ट्र सेवक/गौ-सेवक और देश सेवा में लगे संस्थानों एवं व्यक्तियों को उनके प्रयासों को देखते हुए उनके द्वारा दिये गये विज्ञापन, कथा, भजन इत्यादि पर 20 प्रतिशत के अलावा 2 प्रतिशत अधिक यानी 22 प्रतिशत की राशि दी जायेगी।
मां भारती सेवक/मां भारती भक्त/मां भारती पुत्र कैसे बनें-
सुभारती के अनुसार हर भारतीय या विश्व का हर नागरिक जो “वासुदेवकुटुम्बकम” में विश्वास रखता है वह सच्चा राष्ट्रभक्त है। लेकिन भारती सेवक वह है जो मां भारती की सेवा अपना प्रथम कर्तव्य और हमारे साथ जुड़कर उसे आगे बढ़ाना उसका स्वप्न है। मां भारती सेवक ही भारत भक्त बन सकता है और फिर भारतीय पुत्र। इसके लिए हमारी निम्नलिखित शर्तें हैंः-
1. हमारी पहली शर्त है राष्ट्रभक्ति।
2. आप देश सेवक पहले बाद में कुछ और।
3. आपका रूझान खबर को पहचानना, बनाना और उसे संवार कर भेजना हो।
4. किसी आसामाजिक गतिविधियों में लिप्त न हों।
5. आपके पास आपका कोई पहचान पत्र हो। जैसे आधार, वोटर आईडी या पासपोर्ट।
6. आपको एक लिखित पत्र देना होगा जिसमें आप अपने किसी असामाजिक गतिविधियों में लिप्त न होने की गारंटी देंगे।
अगर आप सच्चे भारतीय हैं, राष्ट्रभक्त हैं, देश, समाज, परिवार के सुधार एवं उसे नई दिशा देने के लिये कुछ भी कर गुजरने के लिये तत्पर हैं तो यह आपके लिये एक सुनहरी मौका है।
सुभारती के इस अद्भूत अभियान में शामिल होकर आप राष्ट्र निर्माण के इस महती प्रयास में भागीदार बन सकते हैं।
संपर्क सूत्र- गौतम सिंह, मो.नं. – 9643117289, 9639010031
ई-मेल :- subharatimedialtd@gmail.com
अगर आप हमारे इस राष्ट्र निर्माण की मुहिम में एक साथी के रूप में हैं तो इसे जन-जन तक पहुंचाने में अपने केबल ऑपरेटर से बात करें तथा उनका संपर्क सूत्र हमें प्रदान करें।
सुभारती चैनल फ्री-टू-एयर चैनल है और यह “सर्वजन हितायः सर्वजन सुखायः” के सिद्धान्त को लेकर आगे बढ़ रहा है। इसलिये हमने कोई चैनल दिखाने का शुल्क नहीं रखा है यानी यह चैनल निःशुल्क है। साथ ही पीत पत्रकारिता को जड़ से उखाड़ने के लिये हमने किसी भी अच्छे लेखक की लेखनी को प्रमुखता देने का विचार रखा है और उसका एक ज्वलंत उदाहरण है – मां भारती सेवक/मां भारती भक्त/मां भारती पुत्र जिससे आप अपने विचार सीधे जन-जन तक पहुंचा सकते हैं।
नोटः- अगर आप इन बातों से सहमत हैं तो उसके लिये आवेदन भरें जो कि आपके अनुरोध पर मेल द्वारा भेजा सकता है या हमारी वेबसाइट……या फिर आप सुभारती मीडिया लिमिटेड के ऑफिस-सुभारती मीडिया लिमिटेड, एन.एच.-58, दिल्ली-हरिद्वार बाईपास, सुभारतीपुरम, मेरठ-250005 से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।
अगर इच्छुक है तो ऊपर दिये गए नंबर पर फोन करें अथाव मेल करें