हर प्राचीन ग्रंथों में सूर्य की महत्ता का वर्णन किया गया है। कहा जाता है सूर्य भगवान की आराधना करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। हिन्दू धर्म के सूर्य ही एक ऐसे देवता हैं जो प्रत्यक्ष रूप से आंखों के सामने हैं। हम सूर्य भगवान की आराधना उनको देख कर कर सकते हैं। हम सूर्य भगवान की आराधना उनको देख कर कर सकते हैं। लेकिन जैसा कि हमारे देश में प्रथा है भगवान के मंदिर बनवाने की इसी के आधार पर बरसों पहले कुछ हिन्दू राजाओं ने एक भव्य सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया।
ओडिशा में स्थिति कोणार्क का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है। ये मंदिर भारत की प्राचीन धरोहरों में से एक है। इस मंदिर की भव्यता के कारण ये देश के सबसे बड़े 10 मिंदिरों में गिना जाता है। काणार्क का सूर्य मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी शहर से लगभग 23 मील दूर नीले जल से लबरेज चंद्रभागा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर को पूरी तरह से सर्य भगवान को समर्पित किया गया है इसीलिए इस मंदिर का संरचना इस प्रकार की गई है जैसे एक रथ में 12 विशाल पहिए लगाए गये हों और रथ पर सूर्य देव को विराजमान दिखाया गया है। मंदिर से आप सीधे सूर्य भगवान के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के शिखर से उगते और ढलते सूर्य को पूर्ण रूप से देखा जा सकता है।