सांप को दूध पिलाने की सदियों पुरानी परंपरा

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नागिन फिल्में बार-बार बनाई जाती हैं, क्योंकि कुरीतियों और अज्ञान पर इतराने वाले लोगों की संख्या अधिक है। हरमेश मल्होत्रा ने अनेक फिल्में बनाईं, परंतु उन्हें सफलता मिली ऋषि कपूर और श्रीदेवी अभिनीत फिल्म नागिन से। इच्छाधारी सांप भी एक मिथ्या धारणा है। वरदान प्राप्त नागिन मनुष्य रूप में भी प्रकट हो जाती है। जिस घर में वह प्रवेश करती है, उस घर से चूहे और कीड़े-मकोड़े भागने लगते हैं। एक और मिथ्या धारणा यह है कि सपेरे की बीन पर सांप डोलने लगता है। सांप के कान नहीं होते, वे सपेरे की हिलती हुई गर्दन की नकल करते हैं। हमारे यहां नाग पंचमी पर सर्प को दूध पिलाने की परंपरा चली आ रही है, जबकि हकीकत में वह दूध नहीं पीता।

हरमेश मल्होत्रा की नागिन में इच्छाधारी सर्पणी ने स्त्री का रूप धरा था, ताकि वह पुरुष को डंस ले। वह उस पुरुष के साथ विवाहित जीवन में इतनी रम जाती है कि अपना सर्प स्वरूप भूल जाती है। इस फिल्म में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने एक दर्जन सपेरों के द्वारा एक साथ बीन बजाने की ध्वनि को रिकॉर्डिंग थिएटर में विभिन्न दूरियों पर रखकर रिकॉर्ड किया था। फिर 10 बार रिकॉर्ड की हुई ध्वनि को मिक्स किया। शशधर मुखर्जी ने प्रदीप कुमार, वैजयंती माला अभिनीत नागिन फिल्म में इस फिल्मी पैंतरे को पहली बार प्रस्तुत किया था।

मंत्र द्वारा सांप के जहर को निकालने की कुरीति लोकप्रिय है, क्योंकि 90 प्रतिशत सर्प जहरीले नहीं होते। कभी जंगल में चलते हुए मनुष्य का पैर रस्सी पर पड़ जाता है और वह डर के मारे मर जाता है। फ्रांस में बसे भारतीय राजाराव के विश्व प्रसिद्ध उपन्यास का नाम है- ‘द सर्पेन्ट एंड द रोप।’ उनकी थीम झूठ के प्रचार में सच को खोजने की थी। उपन्यास में सर्प और रस्सी प्रतीक हैं भ्रामक प्रचार और सत्य के। एक और भ्रम यह है कि नागिन अपनी आंख में उन लोगों के चित्र संचित कर लेती है, जिन्होंने उसके प्रेमी सांप को मारा है। कोहली नामक फिल्मकार ने इस मिथ्या धारणा पर रीना रॉय के साथ आधा दर्जन नायकों को लेकर फिल्म बनाई थी जो राजकुमार हिरानी की मुन्नाभाई के साथ प्रदर्शित हुई थी और मुन्नाभाई ने सर्प प्रेरित फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह कुचल दिया था।

सर्प दंत कथाएं बड़े परदे से बाहर फेंक दी गईं, परंतु छोटे परदे पर वे अभी भी सक्रिय हैं। इसके नए भाग की शूटिंग मध्य प्रदेश में किए जाने की योजना है। भारत के सबसे बड़े परीक्षा घोटाले जिनके शासन में हुए वो सुशासन की बात कर रहे हैं। इन्हें लगता है कि इनका हर विरोधी पाकिस्तानी है। पाकिस्तान इनकी विचार प्रक्रिया में हर जगह मौजूद है। जबकि गरीबी और बेरोजगारी में पाकिस्तान हमसे आगे है। पाकिस्तान की सड़कों पर अमेरिका में बनी कारें सरपट दौड़ती हैं,

जबकि साइकिल निर्माण उनके यहां कुछ वर्ष पूर्व ही शुरू हुआ है। हमारे यहां मुंजाल घराना लगभग एक सदी से साइकिल निर्माण कर रहा है। वर्तमान में पेरिस में साइकिल पार्किंग स्थल, कार पार्किंग स्थल से कई गुना अधिक बड़ा है। ज्ञातव्य है कि चार्ली चैपलिन ने बायसिकल थीव्ज सन् 1921 में बनाई थी। यह भी माना जाता है कि सर्प प्रजाति के पुरोधा अजगर पूरा मनुष्य शरीर निगल जाता है। रवींद्रनाथ टैगोर की एक कथा उस झूठ का पर्दाफाश करती है कि किसी नन्हे बालक को तहखाने में मरने के लिए तन्हा छोड़ दिया जाए तो वह सर्प बनकर परिवार की संपत्ति की रक्षा करता है।

इस कथा का अंत पाठक को दहला देता है। गर्भवती सर्पणी एक कतार में लगभग सौ अंडे देती है और अपना पेट खाली हो जाने के कारण वह उसी कतार में अपने अंडे खा जाती है। हवा के कारण कतार से लुढ़क गए कुछ अंडे बच जाते हैं। यह प्रकृति का परिवार नियोजन है। अगर ऐसा नहीं होता तो सांपों की संख्या मनुष्यों से अधिक होती। परंतु आज भी कुछ संकीर्ण दिमागों में सांप मचलते रहते हैं।

जयप्रकाश चौखसे
(लेखक फिल्म समीक्षक हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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