मैंने अखबार एक ओर सरकाते हुए अपनी एकमात्र आजीवन-जीवनसंगिनी से चाय की चुस्की लेते हुए कहा कि सुनती हो, अपने वो सत्यमेव जयते वाले अपनी दूसरी बीवी के साथ पन्द्रह साल का सफर पूरा कर अब तीसरे नये सफर की ओर निकलने वाले हैं। इसमें कौन सी नई बात है। जिस तरह से औरत का दिल साड़ी और जेवर से बहुत जल्दी भर जाता है। हमेशा नये की चाहत वैसा ही कुछ इन फिल्मी सितारों का रहता है। हां, शायद तुम सही कह रही हो तभी तो आमिर खान और किरन ने एक बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने अपने पन्द्रह साल के खूबसूरत सफर में एक साथ जीवन भर का अनुभव, आनंद और खुशी महसूस किया है। उनका रिश्ता केवल विश्वास, समान और प्यार के साथ बढ़ा है। अब वे अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू करना चाहेंगे। अब पति-पत्नी के रूप में नहीं बल्कि एक दूसरे के पैरेंट्स और परिवार के साथ। लेकिन यह बात समझ में नहीं आई कि जब आपस में इतना विश्वास, समान और प्यार था तो फिर पति-पत्नी के रूप में रहने में क्या दिक्कत है। और जब पति-पत्नी नहीं रहेंगे तो कोपैरेंट्स और परिवार बनकर कैसे रह सकेंगे!
अरे तुम नहीं समझोगी, इसमें आश्चर्य करने जैसी कोई बात नहीं है। वे लोग जो कर बैठेंए कम है। तुहें मालूम होगा कि आदर्शों की खान का पहले वाला प्यार सोलह साल चला। वहाँ भी प्यार के झंडे गाड़कर दिलदार अमीरी दिखाते हुए दो संतानों का तोहफा देकर दूसरे प्यार का नया अध्याय शुरू कर दिया। यहाँ भी आजाद ने आजादी दिलवा दी एक नया अध्याय शुरू करने के लिए।श्श्लेकिन यह बात समझ में नहीं आई कि उनके फैंस क्यों दुखी होंगे उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा है कि आप लोगों को दुख भी हुआ होगा। अच्छा नहीं लगा होगा, शॉक लगा होगा। हम बस इतना आपको कहना चाहते हैं कि हमलोग दोनों बहुत खुश है और हम एक परिवार है। अरे भाग्यवान, इसमें समझना क्या है। उनको अपनी पब्लिसिटी के लिए ऐसे नाटक नौटंकी तो करना ही पड़ते हैं। वरना आजकल किसे एक दूसरे के सुख-दुख की पड़ी है। हां, पोके समाज को एक नई राह जरूर दिखा रहे हैं, एक नये संदेश के साथ!
नहीं जी, मैं यह बात नहीं मानती। अगर ऐसा होता तो वे यह क्यों कहते कि हम लोग हमेशा फैमिली ही रहेंगे। हमारे रिश्ते में चेंज आया है, लेकिन हम लोग एक दूसरे के साथ ही हैं, और पानी फाउंडेशन हमारे लिए आजाद की तरह है, जो हमारा बच्चा है,आजाद, वैसे ही पानी फाउंडेशन तो हम लोग हमेशा फैमिली ही रहेंगे। हमारे लिए आप लोग दुआ करिए, प्रार्थना करिए कि हम खुश हो। बस यही कहना था हम लोगों को। अब तुम ही बताओ कि पति-पत्नी अलग होने के बाद कौन सी फैमिली रह जाते हैं। और फिर आदमी जब नय-नये अध्याय शुरू करता रहेगा तो कितनी फैमिली अफोर्ड कर पाएगा जब घुटने जवाब दे जाएंगे और गर्दन सिर का बोझ उठाने से इंकार करने लगेगी, तब कौन सी फैमिली साथ खड़ी होगी? फिर भी अभी साम्राज्य विस्तार की कुचत है तो फैलावा करेंगे ही। वैसे हमें तो उनके सुख-दुख से कोई मतलब नहीं है। बस दुख है उन अनाओं के लिए जिनके नाथ होने का दावा कर रहे हैं और सौदेबाजी कर रहे हैं। हां, मेरे सामने भी यही प्रश्न आ खड़ा हुआ है कि क्या वास्तव में सत्यमेव जयते।