वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे छोटा इंजन बनाया है जिसका आकार कैल्शियम के एक आयन के बराबर है और कार के इंजन के मुकाबले 10 अरब गुणा छोटा है। इस अनुसंधान में यह समझाया गया है कि अनियमित उतार-चढ़ाव किस प्रक र से सूक्ष्मदर्शी यंत्रों के संचालन को प्रभावित रते हैं। जर्मनी के जोहानस गुटनबर्ग विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक भविष्य में ऐसे उपकरणों को बेकार हुई ऊर्जा को पुनर्चक्रित करने के लिहाज से अन्य प्रौद्योगिकियों में प्रयुक्त कर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
कैल्शियम के एक आयन जितना बड़ा यह इंजन चार्ज्ड पार्टिकल है और इस वजह से विद्युत क्षेत्र के इस्तेमाल से इसका पता लगा पाना आसान होता है। अनुसंधानक र्ताओं का कहना है कि थर्मोडायनमिक्स को सूक्ष्मदर्शी यंत्रों के विन्यास में कैसे लागू किया जा सकता है, यह समझना भविष्य की प्रौद्योगिकियों के लिए बहुत आवश्यक है। यह अध्ययन फिजिकल रिव्यू लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।