लव जिहाद : दुखद लेकिन रोचक पर समाज को ये रास नहीं आता

0
92

नासिक में अभी-अभी लव जिहाद का दुखद लेकिन बड़ा रोचक किस्सा सामने आया है। वह रोचक इसलिए है कि 28 साल की एक हिंदू लड़की रसिका के माता-पिता ने सहमति दी कि वह अपने पुराने सहपाठी आसिफ खान के साथ शादी कर ले। आसिफ के माता-पिता की भी इससे सहमति थी। यह सहमति इसलिए हुई कि रसिका में थोड़ी विकलांगता थी और उसे कोई योग्य वर नहीं मिल रहा था। उसके पिता ने, जो कि जवाहरात के संपन्न व्यापारी हैं, आसिफ के माता-पिता से बात की और वे अपने बेटे की शादी रसिका के साथ करने के लिए राजी हो गए। 18 जुलाई 2021 की तारीख तय हो गई। मराठी भाषा और देवनागरी लिपि में निमंत्रण छप गए। उन पर ‘वक्रतुंड महाकाय’ वाला मंत्र भी छपा था और हवन के साथ सप्तपदी (सात फेरे) से विवाह-संस्कार संपन्न होना था।

लेकिन ज्यों ही यह निमंत्रण-पत्र बंटा, नासिक में खलबली मच गई। रसिका के पिता प्रसाद अडगांवकर को धमकियां आने लगीं। इस शादी को लव-जिहाद की संज्ञा दी गई और तरह-तरह के आरोप लगने लगे। रसिका के पिता ने अपने रिश्तेदारों और मित्रों से सलाह की तो ज्यादातर ने सलाह दी कि शादी का कार्यक्रम रद्द किया जाए। वह तो रद्द हो गया, योंकि उसे लवजिहाद का मुद्दा बनाकर उसके खिलाफ कुछ लोगों ने जबर्दस्त अभियान चला दिया था। सात फेरे वाली हिंदू-पद्धति की शादी तो रद्द हो गई लेकिन रोचक बात यह हुई कि नासिक की अदालत में रसिका और आसिफ की शादी कानूनी तौर पर पहले ही पंजीकृत हो चुकी थी। अब बेचारे लव-जिहाद विरोधी हाथ मलते ही रह जाएंगे।

वे यह क्यों नहीं समझते कि इस तरह की शादियां शुद्ध इंसानियत का प्रमाण हैं, शुद्ध प्रेम की प्रतीक हैं। उनमें मजहब, देश, भाषा, जाति, हैसियत वगैरह कुछ भी आड़े नहीं आता है। मेरे कम से कम पचास हिंदू मित्र ऐसे हैं, जिनकी पत्नियां मुसलमान हैं लेकिन उनकी गृहस्थी बहुत प्रेम से चल रही है और इसी तरह कुछ मुसलमान मित्रों की पत्नियां हिंदू हैं लेकिन मैंने उनमें कभी भी मजहब को लेकर कोई तनाव नहीं देखा। वे दोनों अपने-अपने मजहबी त्यौहारों को मनाते हैं और एक-दूसरे के त्यौहारों में बराबरी की भागीदारी भी करते हैं। पशु और मनुष्य में यही तो फर्क है। पशु अपने जन्म की सीमाओं में सदा कैद रहता है लेकिन मनुष्य जब चाहे, उनका विस्तार कर सकता है।

डा. वेद प्रताप वैदिक
(लेखक भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here