राजग में मायावती आना चाहें तो स्वागत है : आठवले

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केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 58 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति भवन में एक भव्य समारोह में शपथ ग्रहण किया। जिसमें कुल मिलाकर 24 कैबिनेट मंत्री व 25 राज्यमंत्री एवं 9 स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इन मंत्रियों में जो मोदी के पहले कार्यकाल के मंत्री थे उनमें रामदास अठावले ने जो राज्यसभा सांसद हैं और एनडीए एक घटक रिप्लीकन पार्टी आफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। इनहोंने सामाजिक न्याय और आधिकरिता मंत्राीय का पदभार संभाला। उन्होंने अपने व्यस्त समय मे से थोडा समय निकालकर प्रभात और सुभारती चैनल को एक्सक्लुसिव साक्षात्कार दिया।

इसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का दोबारा चुना जाना शत प्रतिशत तय था और उन्होंने इस बात को याद दिलाया कि प्रभात के कुछ महीनों पहले हुए एक साक्षात्कार में उन्होंनं यह भविष्यवाणी की थी जो कि सच निकली। मोदी सरकार की शत प्रतिशत वापसी किसी ज्योतिषीय गणना के आधार पर न की थी बल्कि सरकार के कामकाज और देश के सर्वांगीण विकास को देखते हुए यह बात कही गई थी।

श्री रामदास अठावले के अनुसार उनकी दोबारा कैबिनेट में वापसी उनके काम और अपने कार्य के प्रति समर्पन के कारण हुई है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मोदी जी ने जो कार्य उनके मंत्रालय या दलितों के उत्थान और हकों के लिये सौंपा था उसे बखूबी पूरा किया। उनके अनुसार आगे भी वह पिछड़े वर्ग और दलितों को एक सही मार्गदर्शन तथा उनके जीवन स्तर में सुधार के लिये हमेशा प्रयत्नशील रहे हैं और रहेंगे।

प्रभात की तरफ से जब उनसे प्रश्न पूछा गया कि दलितों की एक और बड़ी नेता सुश्री मायावती जी भी हैं तो उनके बारे में उनकी क्या राय है। तो उन्होंने तुरंत उत्तर दिया कि मायावती जी दलित की बेटी हैं और उन्होंने भी दलितों के लिये और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिये काफी कार्य किया है और अगर वह एनडीए में आना चाहें तो वह इसका स्वागत करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी जी तथा अमित शाह जी ने हमेशा सबका साथ, सबका विकास की बात की है। उसमें कोई भी दल उनके साथ जुड़ सकता है।

इस प्रश्न के उत्तर में कि मायावती जी को लाने की पहल क्या आप करेंगे, तो उन्होंने कहा कि इसमें पहल तो मायावती जी को ही करनी पडेगी और ऐसा नहीं है कि वह एनडीए के लिये नई हैं। पहले भी एक बार वह बीजेपी के साथ उत्तर प्रदेश में गठबंधन कर चुकी हैं। लेकिन उन्होंने अलग होकर एक गलत निर्णय लिया और अब अगर वह आना चाहती हैं तो अमित शाह और मोदी जी से सीधे बात करनी पडे़गी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में मायावती की पार्टी को जनता ने बिल्कुल नकार दिया था और उनको एक भी सीट नहीं मिली थी। लेकिन इस बार गठबंधन के बाद उन्हें कुछ राहत मिली है। तो उन्हें अब एनडीए के साथ आने या न आने की स्थिति पर खुद ही विचार करना पडेगा तथा पहल करनी पड़ेगी।

श्री रामदास आठवले ने यह भी कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सर्वांगीण विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है और मोदी जी दलितों तथा दबे कुचलों के मसीला की तरह उभर कर आये हैं। वह डॉ भीमराव अम्बेडकर की सिद्धांतों को प्रमुखता से देखते हैं और उनके सिद्धांतों पर चलने की कोशिश भी कर रहे हैं।

आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने अपने विचारों में कहा कि मोदी जी ने अभी कुछ महीनों पहले जो आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब स्वर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिलाया वह इस बात का प्रतीक है कि प्रधानमंत्री किस तरह से दलितों, गरीबों तथा देश के दबे कुचले लोगों को आगे बढ़ाने के लिये हमेशा प्रयासरत हैं तथा उसके लिये कोई भी कानून या योजना बनाने में सक्षम हैं।

श्री आठवले ने आखिर में प्रभात के तथा सुभारती चैनल के सभी पाठकों को एक नये और सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी तथा कहा कि मोदी सरकार जिसे जनता ने अपना पूर्ण बहुमत देकर आशीर्वाद दिया है। वह उनकी अपेक्षाओं और उम्मीदों पर बिल्कुल खरी उतरेगी और इस ओर हमारी सरकार पूरा ध्यान देगी।

रामदास बंडू आठवले, 1999 से 2009 तक लोकसभा सांसद रहे। 3 अपै्रल 2014 से राज्यसभा सांसद हैं। वर्तमान में सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री बने। रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।

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