यूपी देगा चीन को मात, दुनिया देखेगी जेवर

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मार्च 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ बदल चुका। आमूलचूल बदलाव का यह सिलसिला जारी है। वह भी रिकॉर्ड के साथ। निवेश और रोजगार बढ़ रहे हैं। यह सारा कुछ हो रहा है सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि और सकारात्मक नजरिए के नाते। ये वही, प्रदेश है, जहां से तीन साल पहले बड़ी कंपनियां अपना कारोबार समेट रही थीं, लेकिन अब माहौल कारोबार के अनुकूल है। अब जब निवेशक आ रहे हैं तो जाहिर तौर पर उन्हें बुनियादी सुविधाएं और बेहतर एयर कनेक्टिविटी भी मिले। इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चीन को पछाडक़र एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट (जेवर) बनाने जा रही है। इसके पूरा होने पर यूपी की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। रोजगार और व व्यापार तो बढेगा ही। निवेशक उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ निवेश कर एयरपोर्ट डेवलप करेंगे। यह योगी सरकार पर निवेशकों का बड़ा विश्वास है। जेवर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश की र्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही औद्योगिक विकास को नए मुकाम पर पहुंचाएगा।

इस परियोजना से सरकार को एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की आय होगी। एक लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। एयरपोर्ट पर 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश होने से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और यमुना एक्सप्रेसवे के करीब एक लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा। आने वाले 4 सालों में उत्तर प्रदेश में दुनिया का 5वां सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे एयरपोर्ट बनकर तैयार होने वाला है। ग्रेटर नोएडा के जेवर में करीब 5000 हेक्टेयर में प्रस्तावित इस एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है। प्रस्ताव के अनुसार 2022-23 में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट्स का संचालन भी शुरू हो जाएगा। अभी चीन का शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लगभग 3988 हेक्टेयर में फैला है। जबकि दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट सऊदी अरब में है। दामम के किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट 77,600 हेक्टेयर जमीन पर बना है। इसके बाद अमेरिका केडेंवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नंबर आता है, जो 13,571 हेक्टेयर जमीन पर बना है।

तीसरे नंबर पर अमेरिका का ही डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो 6,963 हेक्टेयर जमीन पर फैला हुआ है। चौथे और पांचवें नंबर पर अमेरिका के ही ओरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट और वाशिंगटन ड्यूलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जो क्रमश: 5,383 और 4,856 हेक्टेयर जमीन पर बने हुए हैं। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद यूपी की एयर क नेक्टिविटी दूसरे प्रदेशों की तुलना में सबसे बेहतर होने जा रही है। नोएडा इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट को बनाने के लिए पिछली सरकारों के पास दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी रही, जिससे देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट पिछले 20 वर्षों से अधर में था। वर्ष 2017 में यूपी में महज 4 एयरपोर्ट थे तथा कुल 25 गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे। योगी सरकार ने एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाते हुए वर्तमान में 6 एयरपोर्ट को क्रियाशील किया गया। इन एयरपोर्ट से कुल 55 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। जबकि प्रदेश में 11 एयरपोर्ट के विकास का कार्य प्रशस्त है। यही नहीं अयोध्या और श्रावस्ती में देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार अलग से एयरपोर्ट बनाने जा रही है।

महाबीर जायसवाल
लेखक वरिष्ठ पत्रकरा हैं, ये उनके निजी विचार हैं

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