साल की आखिरी एकादशी यानी मोक्षदा एकादशी का व्रत दो दिन है. जिन लोगों ने 22 दिसंबर को व्रत रखा है वह 23 दिसंबर 2023 को दोपहर 01.31 मिनट से दोपहर 03.51 मिनट के बीच किया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार वैसे तो एकादशी का व्रत पारण सूर्योदय के बाद सुबह के समय ही किया जाता है लेकिन इस बार ये व्रत दोपहर में खोला जाएगा मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से परंपरागत रूप से यह माना जाता है कि यह व्रत व्रती को मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति करवाता है और उसके पापों को शमन करता है। इस दिन विशेष रूप से विष्णु भगवान की पूजा की जाती है और भक्तगण उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में इस एकादशी को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि बर्तिता एकादशी, मोक्षकादा एकादशी, वैकुण्ठ एकादशी आदि। इस दिन को सातों मुक्तिदाता एकादशी में से एक माना जाता है, जिसमें भगवान विष्णु के सात मुक्तिदाताओं में से एक हैं।
एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।