शिक्षा के बाद मेरठ को खेल सामग्री का हब माना जाता है। देश ही नहीं वरन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हर तरह के खेल के सामान का निर्यात होता है। जिन कंपनियों को सामान विदेशो में निर्यात किया जाता है। उनमें एसजी, एसएफ ,भल्ला स्पोट्र्स, एपीआर स्टैग प्रमुख खेल कंपनियां है। ये कंपनियां मेहनत करती हैं और इनके धंधे में धनखोर सेंध लगाने में जुटे हैं। ये नकलबाज धंधे को दोनों तरह से चोट दे रहे हैं, सामान भी नकली और इससे कंपनी की ब्रांड इमेज भी प्रभावित होती है। लोगों को क्रिकेट नींद से ज्यादा प्यारी है लिहाजा नकलची क्रिकेट के सामान ज्यादा नकली बाजार में उतार रहे हैं। मेरठ में नकलचियों का ये धंधा 50 करोड़ के पार का अंदाजा माना जाता है। इससे कंपनियों के साथ-साथ सरकार को भी चोट पहुंच रही है। नकली सामान की वजह से ही खिलाड़ी भी उस तरह नहीं चमक पाते जैसा वो असली सामान के जरिए प्रदर्शन बेहतर कर सकते हैं। कंपनियां भी जानती हैं, प्रशासन भी जानता है लेकिन हैरानी की बात यही है कि नकलचियों पर चोट से ज्यादा तरीके में खोट नजर आ रहा है।
मेरठ में सूरज कुंड, मवाना रोड, परतारपुर औद्यौगिक क्षेत्र में वर्तमान समय में हजारों की संख्या में खेल सामान बनाने की फैक्टियों काम रही है। जहां पर विभिन्न प्रकार के खेल उत्पाद को बनाया जा रहा है। इसमें क्रिकेट का सामान जतिन सरीन एस एस कंपनी के नाम से क्रिकेट के बैट,गेंद, गल्बस, पैंड अन्य सामान बनाते है। एसएफ के मालिक अनिल सरीन क्रिकेट का सामान, एसएफ के नाम से बनाते है। आरआर स्पोट्र्स के संचालक सुभाष राजपूत भी क्रिकेट का सामान बनाते है पीआर स्पोट्र्स के संचालक योगेश गुप्ता भी क्रिकेट का सामान बनाते हैं। देशी व विदेशी खिलाडी अक्सर कंपनियों में आकर अपना सामान तैयार करता हें। आशुतोष की भल्ला स्पोट्र्स कंपनी एथलेटिक्स का सामान बनाती है। जबकि स्टेग इंटरनेशनल के संचालक विवेक कोहली टेबिल टेनिस का सामान बनाते है। इसका सामान विदेशों तक जाता है। इसके अतिरिक्त जालांधर स्पोटर्स व अन्य कंपनियां है जो खेल का सामान मेरठ में तैयार कराती आ रही हैं।
नकली सामान भी बाजार में :- मोटी कमाई के लालच में नकली खेल सामान तैयार करने वालों की फौज भी बाजार में है। सूरज कुंड स्थित स्पोट्र्स मार्केट में आपको एसएस, एसजी, एसएफ, पीआर अन्य कंपनी के स्टिकर लगे सामान मिल जाएंगे। नकली खेल सामान को इस प्रकार से तैयार किया जाता है कि शक ही नहीं होता कि ये असली है या नकली। अमूमन नकली के आगे असली भी फेल नजर आते हैं। ये बात हम नहीं कर रहे । बल्कि वहां से सामान खरीदकर ले जाने वाली खिलाडिय़ों के मुंह से ही ये सब सुनने को मिलता है।
ये हैं ठिकाने :- नकली खेल का सामान शहर के टीपी नगर, अबदुल्लापुर, मवाना रोड आदि क्षेत्र है। नकली सामान को बनाने के लिये दिल्ली अन्य राज्यों से स्टीकर तैयार कराए जाते हैं। इन सामानों को लेने वाले अन्य राज्यों के दुकानदार भी है। जो नकली सामान खरीदकर असली बता कर खिलाडियों के साथ धोखा कर रहे है।
कई बार छापेमारी : गुरू ग्राम की बंराड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्राइवेट लि. की टीम ने 20 सितम्बर को दिल्ली रोड स्थित श्याम प्लाजा में छापामार कर गोदाम से नकली खेल सामान को बरामद किया था। कंपनी के निदेशक धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि वह एसजी के लिये नकली सामान बनाने वालों पर नजर रखते है। पिछले पांच महीनें से फ्लिपकार्ट की जांच कर रहे थे जो पूरे भारत वर्ष में एसजी के नकली बैट, स्टिकर, बॉल, किट बैग, पैड बेच रहे थे। फंर्जी कंपनी बनाकर सामान को फ्लिपकार्ट के माध्यम से बेचा जा रहा था। इससे पूर्व जनवरी 2019 को टीपी नगर में एक मकान में छापा मारकर वहां से नकली एसएस, एसजी, एसएफ आदि कंपनियों का सामान बरामद किया गया था। टीम ने वहां से चार लोगों को पकड़ा था। आर आर स्पोट्र्स कंपनी का नकली सामान हैदाराबाद में उनके नाम से तैयार कि या जा रहा था। इस पर आरआर स्पोट्र्स के संचालक सुभाष राजपुत ने हैदराबाद पुलिस के साथ मिल कर कार्रवाई कराई थी। एसएस स्पोट्र्स के जतिन सरीन की कंपनी के नाम पर भी जालांधर में नकली खेल का सामान तैयार कराया जाता रहा है।
ये हैं नियम : सरकार की ओर से नकली सामान बनाने वालों के लिये कानून बनाया गया है। अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी का उत्पाद तैयार करता है उसके खिलाफ कपी राईट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होता है। लेकिन मोटी क माई के लालच में नकली सामान बनाने वाले कानून की परवाह नहीं कर पा रहे है। वे बेखौफ होकर नकली सामान तैयार करने से बाज नहीं आ रहे है।
भविष्य हो रहा चौपट : दरअसल स्पोट्र्स में क दम रखने वाले खिलाड़ी ब्राडेड कंपनियों के उत्पाद पर भरोसा करते है। मेरठ में एक दर्जन से अधिक क्रिकेट एकाडेमी खुली हुई है जहां पर शहर व देहात से उभरते हुए खिलाडी आते है। ये सब अपनी किट को अधिकतर सूरज कुंड से खरीदते है। वहीं पर उन्हें नक ली सामान भिड़ा दिया जाता है।