में जिंदा शहर बनारस हूं

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कई, काशी न रुकती है न थमती है। न सोती है न अलसाती है। बस चलती रहती है। शहर के अलमस्ती और जिंदादिली के क्या कहने। कभी रात नही होती। काशी की महिमा का गुण-गान स्कन्धपुराण में कुछ इस तरह है … जो भूतल पर होने पर भी पृथ्वी से सम्बन्ध नही है जो जगत की सीमाओं से बंधी होने पर भी सभी का बंधन काटनेवाली (मोक्षदायिनी) है जो महात्रिलोकपावनी गंगा के तट पर सुशोभित तथा देवताओं से सुसेवित है, त्रिपुरारी भगवान विश्वनाथ की राजधानी संपूर्ण विश्व की रक्षा करे। सनातन धर्म के ग्रन्थों के अध्यन्न से काशी का लोकोत्तर स्वरुप विदित होता है। कहा जाता है कि यह पुरी भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी है अत प्रलय होने पर भी इसका नाश नहीं होता।

अब उसी काशी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘उध्दार’ का माध्यम बने हैं। 2014 से लेकर अब तक 25 बार प्रधानमंत्री काशी आ चुकें हैं। अब 16 फरवरी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी में हजारों करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण करने जा रहे हैं। मई 2014 में जब नरेंद्र मोदी सांसद चुने गए, तो उनका पहला उदगार काशी को लेकर था। मोदी ने कहां था मां गंगा की सेवा करना मेरा सोभाग्य है। दुनिया के प्राचीनतम नगरों में सुमार तीनों लोकों से नारी काशी विश्वनाथ बाबा की नगरी को उसी समय उम्मीदों को बड़ा बल मिला था

काशी के लोगों को प्रधानमंत्री ने निराश भी नहीं किया । अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद चाहे काशी आकर अपने तमाम व्यस्तताओं के बावजूद चाहे काशी आकर अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से रुबरु संवाद करने की बात हो विकास कार्यों की। काशी के लिए मोदी और मोदी के लिए काशी पर्याप्त बन गए हैं। आंकड़े इसके सबूत हैं। मई 2014 से लेकर जनवरी 2020 के दौरान काशी का केंद्र की मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार से कुल 708 विकास की सौगात मिल चुकी है। इन योजनाओं की कुल लागत 17422.29 करोड़ रुपये है। इनमें से 9289.78 करोड़ रुपये की 488 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं औक 8132.51 करोड़ रुपये की 220 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें अगर जिले के विभिन्न विभागों द्वारा कराए गए विकास कार्यों एवं लाभार्थी परक योजनाओं की 6432.96 करोड़ रुपये (दो खरब अड़तीस अरब पचपन करोड़ पच्चीस लाख) तक पहुंच जाती है। यकीनन इतनी रकम से किसी भी शहर का कायाकल्प हो सकता है और काशी का भी हो रहा है ।

काशी के बदलते माहौल और परिवेश को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अब तक जापान के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अब तक जापान के प्रधानमंत्री, धर्मगुरु दलाई लामा, जापान का संसदीय डेलीगेशन, जर्मनी के राष्ट्रपति और मॅारिशश एवं श्रीलंका के प्रधानमंत्री काशी का दौरा कर चुके हैं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अबतक 25 बार काशी आ चुके हैं पिछले पांच साल में अमूमन हर साल पांच बार। वर्ष 2020 में उनकी अपने संसदीय क्षेत्र की पहली यात्रा होगी। पिछले साल वह सात बार काशी आए थे। निश्चिय ही आने वाले समय में दुनिया के लोग काशी को एक नए रुप में देखेंगे। पूरी दुनिया काशी को और नजदीक से जानेगी। बाबा विश्वनाथ मंदिर के आसपास से ऐसे 46 नए मंदिर निकले हैं जिन्हे आज तक हम जानते ही नहीं थे। बाबा विश्वनाथ मंदिर से सीधे गंगा जी जोड़ना अपने आर में एक अदभुत कार्य है। जो कार्य कई दशकों से नहीं हो रहा था, उसे जब 2014 से शुरु किया गया तो लोगों ने कहा कि संकरी गलियों में यह कार्य संभव नहीं है, लेकिन अब वही लोग बनारस की बदलती फिजां और तरक्की को देखकर हैरान है। इसमें कहीं न कहीं बनारसियों का पूरा सहयोग और योगदान भी अहम है।

(लेखक महावीर जायसवाल वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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