आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो
आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो
मैं मर भी जाऊं तो भी कोई गम नहीं
लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो!!
ऐ मेरे मालिक तूने गुल को गुलशन में जगह दी
पानी को दरिया में जगह दी, पंछियो को आसमान मे जगह दी
तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना, जिसने मुझे “..नौ..” महीने पेट में जगह दी….!!
ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने….
तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जायगे गोपाल…
मगर मैने ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल…!
“माँ” की एक दुआ ज़िन्दगी बना देगी, खुद रोएगी मगर तुम्हे हँसा देगी…
कभी भूल के भी ना “माँ” को रूलाना, एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी…!!
माँ तेरी याद सताती है
मेरे पास आ जाओ, थक गया हूँ
मुझे अपने आँचल में सुलाओ,
उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे, एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ
कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन “माँ” नहीं मिलती…
माँ-बाप ऐसे होते हैं दोस्तों जो ज़िन्दगी में फिर नहीं मिलते
खुश रखा करो उनको फिर देखो जन्नत कहाँ नहीं मिलती…