तथागत भगवान गौतम बुद्ध के उपदेश By admin - March 12, 2020 0 351 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp यह मन ही है जो हमें जीवनरूपी कारागार का कैदी बनाता है और यह मन ही है, जो हमें कैदी बनाए रखता है। लेकिन मन ने जो कुछ बनाया है उसे मन ही नष्ट कर सकता है।