पुलवामा का सच सामने कहां आया ?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब खुल कर पुलवामा की घटना पर विपक्ष को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान के एक मंत्री के बयान को आधार बना कर विपक्ष पर हमला किया है और उस घटना पर सरकार से सवाल पूछने वाले हर व्यक्ति को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने गंदी और भद्दी राजनीति करने का आरोप लगाया है। तभी यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तानी मंत्री के बयान से पुलवामा का सच सामने आ गया है? क्या सच यहीं है कि पाकिस्तान ने घर में घुस कर मारा? अगर वहां का मंत्री कह रहा है कि घर में घुस कर मारा तो उसके आगे क्या? क्या यह सुन कर देश की सरकार में शीर्ष पर बैठे लोगों और देश के नागरिकों का खून नहीं खौल रहा है कि उसने घर में घुस कर मारा? उलटे प्रधानमंत्री इस बात पर मुहर लगा रहे हैं कि हां, उसने घर में घुस कर मारा!

अगर पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी की बात को सही मान लिया जाए तब भी यह एक अधूरा सच है, जिससे पुलवामा की घटना की हकीकत नहीं पता चलती है। पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के एक बड़े काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। अब पाकिस्तान कह रहा है कि उसने पुलवामा में घर में घुस कर मारा। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि पुलवामा की घटना इमरान खान सरकार और पूरी कौम के लिए बड़ी उपलब्धि है। हालांकि बाद में वे इस बात से मुकर गए पर हम भारत के लोग सीना ठोक कर कह रहे हैं कि हां पाकिस्तान ने घर में घुस कर मारा और यह उसकी बड़ी उपलब्धि है।

पुलवामा की घटना, उसके बाद भारत की ओर से हुई एयर स्ट्राइक की कार्रवाई और अब हो रहे खुलासे के कई पहलू हैं, जिनका वस्तुनिष्ठ तरीके से आकलन करने की जरूरत है। सबसे पहले ताजा घटनाक्रम से शुरू करते हैं। पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने जो कहा कि वह पीएमएल-एन के नेता मोहम्मद सादिक के बयान की प्रतिक्रिया में है। सादिक ने कहा था कि विंग कमांडर अभिनंदन की गिरफ्तारी के बाद ऐसा लग रहा था कि भारत हमला करेगा और इस डर से सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की टांगें कांप रही थीं। इसकी प्रतिक्रिया में फवाद चौधरी ने कहा कि पीएमएल-एन की सरकार कांप रही थी और इमरान खान की सरकार ने घुस कर मारा है। बाद में उन्होंने कहा कि वे सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बारे में नहीं कह रहे थे, बल्कि पाकिस्तान वायु सेना की कार्रवाई के बारे में कह रहे थे।

असल में पाकिस्तानी मंत्री के बयान का कोई मतलब नहीं है। यह वैसे ही है, जैसे भारत में सत्ता पक्ष का हर नेता कहता है कि पाकिस्तान को घुस कर मारा है। अब तो भारत में सत्ता पक्ष के नेता यह भी कहने लगे हैं कि चीन को सबक सिखा दिया है। चीन के सामने ऐसी प्रतिक्रिया दी है, जिससे वह सकते में आ गया। हालांकि ऐसी बातों पर चीन में भारत की हंसी ही उड़ती होगी। लेकिन हम भारत के लोग पाकिस्तान के मंत्री की बात पर अपनी छाती ठोक रहे हैं कि देखो उसने मान लिया कि घर में घुस कर मारा है। आमतौर पर कोई देश दूसरे देश की इस तरह की बातों को खारिज करता है। यह स्वीकार नहीं करता है कि किसी ने घर में घुस कर उसके जवानों को मारा। लेकिन भारत की बहादुर सरकार अपनी बात साबित करने और विपक्ष को देशद्रोही बताने के लिए पाकिस्तान के दावे को स्वीकार कर रही है।

अगर पाकिस्तान का दावा सही है तब भी यह बड़ा सवाल है कि आखिर कैसे पाकिस्तान ने घुस कर मारा? हमारी देश की सरकार, खुफिया एजेंसियां, मिलिट्री इंटेलीजेंस आदि क्या कर रहे थे, जो पाकिस्तान से लोग घुस आए और भारत के 40 वीर जवानों को शहीद कर गए? जिस देश की एजेंसी मुंबई में जाकर तीन-तीन ग्राम के नशे की पुड़िया खोज ले रही है उस देश की एजेंसियों को कैसे पता नहीं लगा कि साढ़े तीन सौ किलो आरडीएक्स भारत में कैसे आ गया? सोचें, आतंकवादी आए, बम बनाने वाला विशेषज्ञ बाहर से आया, साढ़े तीन क्विंटल आरडीएक्स पहुंचा, उसे मिला कर बम बनाया गया, गाड़ी चोरी की गई और सबसे ज्यादा हैरानी की बात कि उस बम से भरी गाड़ी को भारी सुरक्षा बंदोबस्तों के बीच चल रहे सुरक्षा बलों के काफिले में घुसा कर विस्फोट कर दिया गया और किसी को पता नहीं चला!

सवाल है कि क्या पाकिस्तान ने यह कह दिया कि उसने इस घटना को अंजाम दिया, इससे बाकी सबकी गलतियां माफ हो गईं? बाकी किसी से नहीं पूछा जाएगा कि आतंकी कैसे घुसे, आरडीएक्स कैसे पहुंचा और विस्फोट कैसे हुआ? इस मामले में सरकार ने एक एयर स्ट्राइक किया, जिसमें कहा गया कि बालाकोट में आतंकवादियों का शिविर नष्ट किया गया है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी अपने लड़ाकू विमान भेजे। पर पूरी घटना को लेकर किसी की जिम्मेदारी तो तय नहीं हुई! उलटे आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में पकड़े गए जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को जमानत भी मिल गई। तभी पाकिस्तान के मंत्री का स्वीकार करना कि उसके देश ने आतंकवादी घटना को अंजाम दिया, भारत के लिए खुश होने की बात नहीं होनी चाहिए। भारत को अपनी एजेंसियों की विफलता पर आत्मचिंतन करना चाहिए। इस बात की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो। और सबसे ऊपर पाकिस्तान को इसके लिए सबक सिखाना चाहिए। जब यह पता नहीं था कि पाकिस्तान ने हमला कराया है तब तो भारत ने एयर स्ट्राइक किया था अब जबकि पाकिस्तान ने हमला करना कबूल किया है तो क्या एयर स्ट्राइक से ज्यादा बड़ी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?

शशांक राय
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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