इस्लामाबाद। पहले से आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पाकिस्तान अब आटे की कमी का सामना कर रहा है। पाकिस्तान के कई राज्यों में लोगों को रोटियां नहीं मिल पा रही हैं। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि आटा या गेहूं की कमी नहीं है और जान बूझकर संकट पैदा कर दिया गया है। इस समय पाकिस्तान में आटे के दाम 70 रुपए किलो को पार कर गए हैं। बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब में आटे की कमी हो गई है। काफी लोगों के पास रोटी की समस्या की वजह से सिर्फ चावल खाने का ही विकल्प है। आटे की कमी का असर ये हुआ है कि खैबर पख्तूनख्वाह में नान बनाने वाली कई दुकानें बंद करनी पड़ी हैं। आटे की कमी और दाम बढऩे की वजह से नान तैयार करने वाले नानबाई हड़ताल पर चले गए हैं। इमरान खान की सरकार ने राज्यों में आटे की किल्लत का संज्ञान लिया है।
सोमवार को सरकार ने 3 लाख टन गेहूं के आयात को भी मंजूरी दे दी है लेकिन पहला शिपमेंट आने में 15 फरवरी तक का वक्त लग सकता है। इमरान सरकार ने ये साफ नहीं किया वह किस देश से गेहूं खरीदेगी? वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्राइवेट कंपनी जिस देश से चाहे गेहूं आयात कर सकती है। कमी की वजह से देश में आटा और रोटी के दाम बढ़ गए हैं। कई दुकानदारों ने कहा है कि उन पर सरकार कम दाम में रोटी बेचने के लिए दबाव बना रही है। रावलपिंडी के एक दुकानदार शेराज खान ने कहा कि अगर मुझे आटा महंगा मिलता है तो मैं एक रोटी 8 रुपये में नहीं बेच सकता हूं.। उन्होंने कहा कि एलपीजी के दाम भी बढ़ गए हैं। नई सरकार आने के बाद 4 बार दाम बढ़ाए गए हैं। 2018 के आखिर से लेकर जून 2019 के बीच तक पाकिस्तान ने 6 लाख मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया था। जुलाई 2019 में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी अटूबर तक 48 हजार मीट्रिक टन गेहूं विदेश भेजा गया।