दस प्रतिशत आरक्षण में हिन्दू सवर्ण, ईसाई और मुसलमान भी हैं

0
523
आरक्षण
आरक्षण

आरक्षण सिर्फ ग़रीब सवर्णों के लिए नहीं है। जैसा कि मीडिया में चलाया जा रहा है। यह आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके को दिया जा रहा है। जिसमें हिन्दू सवर्ण, मुसलमान और ईसाई शामिल हैं। इसके मसौदे से यही बात ज़ाहिर होती है। यही बात सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला ने भी कही है। ओबीसी और एस सी एस टी को इससे अलग रखा गया है। इसलिए अगर कोई लिखता है कि दस प्रतिशत ग़रीब सवर्णों को आरक्षण दिया गया है तो यह ग़लत है। इसमें मुसलमान और ईसाई भी लिखा जाना चाहिए। संविधान संशोधन विधेयक पढ़ लें। यही लिखा है। कहीं नहीं लिखा है कि ईसाई और मुसलमान नहीं है। पहले जनरल में ईसाई और मुसलमान सब आते थे लेकिन जनरल को आरक्षण नहीं माना जाता था। अब जब दस प्रतिशत का आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जा रहा है तब उसमें ईसाई और मुसलमान भी रखे गए हैं। बीजेपी और संघ मुसलमानों और ईसाई को आरक्षण दिए जाने का विरोध करता रहा है। इस संदर्भ मे इस बात का विशेष रूप से उल्लेख करना ज़रूरी है।

आरक्षण
आरक्षण

दूसरा मोदी सरकार के सामने आरक्षण को लेकर कई माँगे आईं। अमित शाह के कई बयान मिलेंगे कि पचास फ़ीसदी से ज़्यादा आरक्षण नहीं हो सकता है। अब वही अमित शाह कहते हुए नज़र आएँगे कि पचास फ़ीसदी से अधिक आरक्षण हो सकता है। हरियाणा में जाट अब आरक्षण माँगेंगे कि जब आप पचास फ़ीसदी की सीमा पार कर ही रहे हैं तो हमें आरक्षण क्यों नहीं दे रहे हैं। गुजरात मे पाटिदार भी यही कहेंगे। वहाँ झाँसा देने के लिए राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके को दस परसेंट का आरक्षण दिया था जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने जनवरी 2018 में असंवैधानिक क़रार देते हुए निरस्त कर दिया था। क्या पाटिदार और जाट को आरक्षण मिलेगा ? लोकसभा में थावरचंद गहलोत ने कहा है कि जाट पाटिदार और गुर्जर सबको दिया जा रहा है।

आठ लाख सालाना आय वाले ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। जनरल के लिए भी यही पैमाना होगा।
मुसलमानों में बैकवर्ड मुस्लिम को आरक्षण है मगर दलित और अशरफ़ मुसलमान अगर आठ लाख सालाना से कम आय है तो इसके दायरे में आ सकते हैं। साथ ही सरकारी मदद या उसके बग़ैर चलने वाले उच्चतर शैक्षणिक संस्थाओं में भी आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। जो कि संविधान में भी लिखा है। इसके लिए बदलाव नहीं हो रहा है।

सभार
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के फेसबुक वॉल से

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here