इसमें कोई संदेह नहीं कि मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। ऐसे गरीब जो खुद गैस कनेशन नहीं ले पा रहे थे, उनको सरकार की ओर से मुत गैस कनेशन देना जनकल्याण की दिशा में बड़ा कदम था। गरीबों को मुत गैस कनेशन मिलने से उनके जीवन में गुणात्मक सुधार हुआ। संविधान की भावना के अनुरूप लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना का लक्ष्य ऐसे ही कदनों से साकार होता है। लेकिन किसी जनकल्याणकारी योजना का चुनावी मकसद से इस्तेमाल करना संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के महोबा से गरीबों को मुत गैस कनेशन देने की योजना के दूसरे चरण की शुरूआत की है। चूंकि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है, इसलिए मोदी सरकार ने दूसरे चरण की लांचिंग के लिए यूपी को चुना, नहीं तो जैसे यह बीपीएल परिवारों के लिए योजना है, उसको देखते हुए केंद्र की राजग सरकार बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा वा त्रिपुरा जैसे गरीब राज्यों में से किसी एक को चुन सकती थी।
खैर, चुनाव ही सही, अगर इसी बहाने से गरीबी उन्मूलन की दिशा में सरकार कुछ कदम उठाती है, तो वह स्वागत योग्य है। मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना का शुभारंभ 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से किया था। उस वत भी 2017 में यूपी में विधानसभा चुनाव थे। इसके योजना के तहत करोड़ गरीब परिवार की महिलाओं को गैस कनेशन बांटने का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद 2018 में इस योजना को आगे बढ़ाते हुए सात और कैटेगरी की महिलाओं को इसका लाभ देना शुरू किया गया था। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अंत्योदय अन्न योजनाएं अति पिछड़ा वर्ग, चाय बगान वर्कर, वनवासी और द्वीपों में रहने वाले लोगों को भी शामिल कर लिया था। उज्ज्वला 20 पी स्थित वीरभूमि महोबा से शुरू हुआ है। इस बार की खास बात है कि इस योजना के तहत अब गैस कनेशन के लिए एड्रेस प्रुफ की जरूरत नहीं होगी। इससे प्रवासियों को लाभ होगा। योजना के तहत लाभार्थियों को मुत एलपीजी कनेशन मिलेगा। पहली बार भरा हुआ सिलेंडर फ्री रहेगा।
कागजी कार्रवाई बहुत कम रहेगी। योजना का लाभ लेने के लिए प्रवासियों को राशन कार्ड और पता प्रमाण जमा करने की जरूरत नहीं होगी। दूसरे चरण में करीब एक करोड़ महिलाओं को कनेशन देने का लक्ष्य है। 2021.22 वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत एक करोड़ एलपीजी कनेशन बांटने के लिए अलग से फंड जारी किया गया है। पहले चरण में 2016 से फरवरी 2019 तक 6.42 करोड़ महिलाओं को एलपीजी कनेशन दिया जा चुका है। मोदी सरकार ने मुत एलपीजी के अलावा जनधन, सड़क आपके द्वार, स्वच्छ भारत योजना के तहत मुफ्त शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, बिजली कनेशन, मनरेगा, अंत्योदय योजना के तहत मुत राशन, पीडीएस आदि स्कीम के जरिये गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है।
योजनाओं के क्रियान्वयन में सरकारी स्तर पर भ्रष्टाचार की वजह से बहुत लुपहोल्स भी हैं, जिनको दूर करने की दिशा में सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उज्ज्वला योजना में ही बहुत से ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्हें कनेशन तो मिल गया पर वे आगे गैस भराने में सक्षम नहीं है। उनके सिलेंडर यूं ही रखे हैं क्या उन्होंने बेच दिया। आज देश 75 वें स्वतंत्रता दिवस मनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आज भी देश की एक तिहाई से अधिक आबादी गरीब है। सरकार अगर सही मायने में देश से गरीबी उन्मूलन करना चाहती है, तो सरकार को स्थाई रोजगार परक योजना चलानी चाहिए। इस वत 50 से अधिक लोक कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं, इन्हें मिलाकर एक मजबूत प्रभावी रोजगारपरक योजना चलाई जा सकती है, लोगों के पास रोजगार होंगे ते उन्हें फ्रीबिज की जरूरत ही नहीं होगी। हमें अपने नागरिकों को फ्रीबिज देने से अच्छा आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।